क्या जोशीमठ के लिए लड़ने वाले अतुल सती पर रासुका लगाने की तैयारी चल रही है?
रैबार डेस्क : जोशीमठ में भू धंसाव से प्रभावित लोग स्थाई पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। सरकार ने फिलहाल प्रभावित लोगों को अस्थाई राहत शिविरों में शरण दी है। सरकार का दावा है कि राहत कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं और पुनर्वास के लिए जमीनें भी चिन्हित कर ली गई हैं। लेकिन जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अतुल सती पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका लगाने की तैयारी भी चल रही है। इस बात का खुलासा खुद अतुल सती ने किया है। save joshimath activist Atul sati says govt planning to impose NSA on him
दरअसल अतुल सती लंबे समय से जोशीमठ की स्थिति को लेकर शासन प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री स्तर तक बात उठाते रहे। लेकिन समय रहते भू धंसाव को रोकने के उपाय नहीं किए गए। स्थाई और सुरक्षित विस्थापन के लिए जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का गठन भी किया गया, जिसको अतुल सती लीड करते हैं। अपने अधिकारों के लिए समिति आज भी आंदोलनरत है। समिति का कहना है कि वे प्रशासन का हरसंभव सहयोग कर रहे हैं, लेकिन पहले उनके हकों की सुरक्षा और स्थाई पुनर्वास पर सरकार गंभीरता तो दिखाए।
समिति के अध्यक्ष अतुल सती ने एक खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार जोशीमठ के लोगों की आवाज को दबा सके, इसके लिए उन पर रासुका लगाने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में एक उच्च अधिकारी ने आंदोलन को लीड कर रहे अतुल सती पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्यवाही की सलाह दी है। यह खुलासा खुद अतुल सती ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर करते हुए लिखा है कि “सूबे के उच्चाधिकारी ने तजवीज़ किया है कि हम पर रासुका लगाई जाए .! स्वागत साहब! अगर अपने देश के ही एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक नगर को बचाने के लिये यह इनाम भी मिलता है तो कोई अफ़सोस न होगा, मगर जिनकी लापरवाहियों की सजा हमारी जनता को मिल रही है उनके लिये भी कुछ सोचा है कि नहीं ? हमने तो शांतिपूर्ण तरीके से 14 महीने आपकी सरकार की हर चौखट पर दस्तक दी थी। मुख्यमंत्री साहब से लेकर सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष के घर तक भी। अब भी शांतिपूर्वक लोगों के न्यायपूर्ण विस्थापन पुनर्वास व नगर को किसी भी तरह बचाने की ही गुहार है संघर्ष है। शेष यह तय ही कर लिये हैं तो कीजियेगा, मगर इससे काफिला .. मुहिम रुकेगी नहीं .. देश दुनिया तब यह बीड़ा उठा लेगी !”
इससे पहले जोशीमठ की खबरें जब देश दुनिया तक पहुंची और इसरो ने भी सेटेलाइट चित्रों से स्थिति बताई तो एनडीएमए ने ऐसे तमाम सरकारी संस्थानों पर जोशीमठ से संबंधित डेटा या तस्वीरें मीडिया को जारी करने पर पाबंदी लगा दी थी।