2024-04-26

आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को शंकराचार्य की चुनौती, जोशीमठ की दरारें ठीक करके दिखाएं तो हम भी करेंगे चमत्कार को नमस्कार

Shankarachary challenges bageshwar dham sarkar

रैबार डेस्क: बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र शास्त्री आजकल अपने दावों के कारण विवाद में हैं। अंधश्रधा उन्मूलन समिति ने बागेश्वर सरकार को चुनौती दी तो धीरेंद्र शास्त्री ने कई मीडियाकर्मियों के सामने खुद को सही साबित भी किया। लेकिन अब ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने धीरेंद्र शास्त्री को कड़ी चुनौती दे डाली है। शंकराचार्य ने कहा कि यदि कोई चमत्कारी है तो वो जोशीमठ की दरारें ठीक करके दिखाए, हम भी उसके चमत्कार को मांनेगे और नतमस्तक होंगे।

बागेश्वर महाराज धीरेंद्र शास्त्री को लेकर जारी विवाद में अब शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी कूद पड़े हैं। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि वह जोशीमठ आएं और यहां धंसती जमीन और दरकते मकानों को रोक कर दिखाएं। यदि वह ऐसा कर पाते हैं तो वह भी उनके चमत्कार पर विश्वास कर लेंगे। शंकराचार्य ने कहा कि इस चमत्कार पर हम उनकी जय जयकार करेंगे, नमस्कार करेंगे। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह बयान शनिवार को बिलासपुर में आयोजित धर्मसभा में दिया।


शंकराचार्य ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र में किसी का भविष्य बताया जाता है, लेकिन यह फलादेश होता है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी कहा जा रहा है और वह ज्योतिष शास्त्र की कसौटी पर खरा है तो वह उसे मान्यता देते हैं। कहा कि यदि वह कोई चमत्कार जनता के लिए करते हों तो उनकी जय-जयकार है। उन्होंने पंडित धीरेंद्र शास्त्री रायपुर में हैं और हम बिलासपुर में। कोई संत मनमाना बयान नहीं दे सकता। मैं खुद भी ऐसा नहीं कर सकता। उन्होंने बागेश्वर महाराज को चुनौती देते हुए कहा कि आपके पास अलौकिक शक्तियां हैं तो धर्मांतरण रोकिए, घरों के झगड़ों सुलझाएं, लोगों में सुमति लाएं। उन्होंने कहा कि यदि वह अपने चमत्कार से आत्महत्या रोक दें और समाज में शांति स्थापित करें तो हम चमत्कार मानेंगे।

शंकराचार्य ने कहा कि अभी जोशीमठ में जमीन धंस रही है। मकानों में दरारें आ रही हैं। उनका मठ में भी दरारें आ गई हैं। धीरेंद्र शास्त्री को चाहिए कि कुछ चमत्कार इधर भी दिखाएं। उन्होंने कहा कि जो चमत्कार हो रहे हैं, वह अगर जनता के लिए हों तो वह जय-जयकार करेंगे। यदि ऐसा नहीं है तो वह इसे छलावा ही कह सकते हैं।

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