2024-04-27

न यूट्यूबर रील बना सकेंगे, न पुजारी सीधे दक्षिणा ले सकेंगे, बदरी-केदार में लागू हो सकते हैं ये सख्त नियम

camera may banned in badrinath kedarnath temple

रैबार डेस्क: पिछले वर्ष चारधाम यात्रा ने जहां कई रिकॉर्ड तोड़े वहीं कई विवाद भी सामने आए। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में मोबाइल और कैमरे से रील बनाने के वीडियो से विवाद पैदा हुआ तो कुछ यू ट्यूबर की वीडियो से यात्रा मार्ग पर बदइंतजामी की पोल भी खुली। लेकिन इस बार प्रशासन यात्रा के दौरान सख्त नियम लागू कर सकता है। बदरी केदार मंदिर समिति चारधाम यात्रा के लिए सख्त गाइडलाइन जारी कर सकती है। सीएम धामी के अनुमोदन के बाद ये एसओपी जारी हुई, तो बदरी-केदार मंदिरों में कैमरा ले जाने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसके अलावा पुजारियों के लिए भी खास ड्रेसकोड लागू हो सकता है। इससे कई यू ट्यूबर को निराशा हाथ लग सकती है, लेकिन मंदिरों की पवित्रता और मर्यादा बरकरार रहेगी। temple commitee may induct harsh sop by banning camera and imposing dress code topriest in chardham yatra

दरअसल बदरी केदार मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने देश के बड़े धार्मिक स्थलों वैष्णो देवी मंदिर तिरुपति बालाजी सोमनाथ मंदिर और महाकालेश्वर मंदिर सहित कई मंदिरों का दौरा किया था। मंदिर समिति यह जानने की कोशिश कर रही थी कि देश के तमाम बड़े मंदिरों में किस तरह की व्यवस्था है और कैसे वहां की मंदिर समिति अपने कामकाज का संचालन करती है।

बदरी केदार में कैमरा बैन

देश के इन 4 बड़े व प्रसिद्ध मंदिरों से अनुभव लेकर लौटी बदरीकेदार मंदिर समिति की टीम ने सबसे पहला प्रस्ताव यह दिया है कि चारों धामों में पूरी तरह से मोबाइल और कैमरा प्रतिबंधित किया जाए। दरअसल यूट्यूब और रील्स के बढ़ते चलन के बाद पिछली चारधाम यात्रा के दौरान कई ब्लॉगर और यूट्यूबर केदारनाथ मंदिर परिसर से तरहतरह के वीडियो और रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहे थे, जिसके बाद इसका काफी विरोध भी हुआ था। ऐसे में मंदिर समिति चारों धामों में मोबाइल और कैमरे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा सकती है। अगर आप यूट्यूबर हैं या फिर मोबाइल से चारधाम यात्रा पर अपनी तस्वीरें या वीडियो बनाकर यात्रा के दौरान अपलोड करते हैं तो नई एसओपी जारी होने के बाद ऐसा नहीं कर पाएंगे।

सीधे दक्षिणा नहीं ले पाएंगे पुजारी

मंदिर समिति का ये भी प्रस्ताव है कि चारों धामों में देश के बड़े चार धार्मिक स्थलों की तरह ही कोई भी पुजारी सीधे दान दक्षिणा नहीं ले पाएगा। मंदिर समिति आने वाले समय में इस तरह की व्यवस्था भी करने जा रही है। पिछले साल कुछ वीडियो में यह प्रोपेगैंडा फैलाया गया कि मंदिर में पुजारियों ने दर्शन करवानेके एवज में पैसों की मांग की। इसलिए मंदिर समिति यह कदम उठा सकती है।  मंदिर समिति ने यह भी तय किया है कि मंदिरों में बैठने वाले आचार्य और पुजारियों का भी एक जैसा ड्रेस कोड होगा मौजूदा समय में पुजारी अलग अलग तरीके के कपड़े पहनकर मंदिरों में पूजा पाठ करवाते हैं मंदिर समिति चाहती है कि श्रद्धालुओं से ड्रेस कोड का पालन तब ही करवाया जा सकता है जब खुद मंदिर के पुजारी और आचार्य एक जैसी ड्रेस में मंदिरों में बैठे होंगे। हालांकि अभी इस पर सिर्फ चर्चा हुई है कोई फैसला नहीं हुआ है।

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