2024-05-06

त्रिवेंद्र सरकार के साढ़े तीन साल : 7 लाख लोगों को मिला रोजगार, CM ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां

साढ़े तीन साल में 7.12 लाख लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार मिला

गैरसैंण ग्रीष्म राजाधनी और देवस्थानम बोर्ड सबसे बड़ा फैसला

रिवर्स पलायन के लिए गंभीर प्रयास किए- सीएम

देहरादून:  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने कहा है कि राज्य सरकार ने पिछले साढ़े तीन साल में 7 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार (employment) दिया गया है। सीएम त्रिवेंद्र राज्य सरकार के साढ़े तीन साल पूरा होने (3.5 years of TSR) पर वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी शासन का सीधा फायदा प्रदेश की जनता को मिल रहा है।

रोजगार

रोजगार उत्तराखंड के साथ पूरे देश में रोजगार का मुद्दा बड़ा विषय बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने अप्रैल 2017 से सितंबर 2020 तक विभिन्न विभागों के अंतर्गत कुल 7 लाख 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया। इनमें से नियमित रोजगार लगभग 16 हजार, आउटसोर्स/अनुबंधात्मक रोजगार लगभग 1 लाख 15 हजार और प्राइवेट स्केटर में करीब 6 लाख रोजगार दिए गए हैं। सीएम ने बताया कि एसएसएससी के तहत 59 परीक्षाएं आयोजित की गईं जिनमें 6000 पदों पर चयन पूर्ण किया गया।  मनरेगा में प्रति वर्ष 6 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है। कोविड के दौरान इसमें अतिरिक्त रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 84 हजार अतिरिक्त परिवारों (2 लाख अतिरिक्त श्रमिकों) को रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 170 करोड़ रूपए अतिरिक्त व्यय किए गए हैं। आगामी तीन माह में कैम्पा के अंतर्गत 40 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना है। युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई। एमएसएमई के तहत इसमें ऋण और अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसमें लगभग 150 प्रकार के काम शामिल किए गए हैं।

cm pc on 3.5 years of govt

जंगली सुअरों से फसल की रक्षा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम कर रही है। इसमें 4  वानर रेस्क्यू सेंटर की स्थापना, 125 किमी लंबी जंगली सूअर रोधी दीवार,  50 किमी सोलर फेंसिंग, 13 किमी हाथी रोधी दीवार, 250 किमी हाथी रोधी खाईयों का निर्माण शामिल है। महिला पौधालयों की स्थापना पर भी काम किया जा रहा है जिसमें कि लगभग 20 हजार महिलाओं को रोजगार सम्भावित है।

रिवर्स पलायन पर सुनियोजित प्रयास

वीडियो प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया है। एमएसएमई के केंद्र में पर्वतीय क्षेत्रों को रखा गया है। सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी भी दी जा चुकी है। बहुत से ग्रोथ सेंटर शुरू भी हो चुके हैं। हर गांव में बिजली पहुंचाई गई है।

किसानों को तीन लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के गन्ना किसानों को अवशेष गन्ना मूल्य का शत प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित किया गया है। 

13 डिस्ट्रिक्ट-13 न्यू डेस्टीनेशन से नए पर्यटन केंद्रों का विकास हो रहा है। होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। विभिन्न रोपवे प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।
     

डबल इंजन का असर

    डबल इंजन का असर साफ-साफ देखा जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। बहुत सी योजनाओं पर तेजी से काम भी चल रहा है। इनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना़, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियोजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, भारत नेट फेज -2 परियोजना, एयर कनेक्टीवीटी पर किया जा रहा काम मुख्य है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां उड़ान योजना में हेली सेवा प्रारम्भ की गई है। श्री बदरीनाथ धाम का भी मास्टर प्लान बनाया गया है।

 और भी उपलब्धियां गिनाई

मुख्यमंत्री ने कबहा कि गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया। इसकी विधिवत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब गैरसैण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है।

भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है।

अटल आयुष्मान योजना में राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रूपए वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य है। अभी 2 लाख 5 हजार मरीजों को योजना में निशुल्क उपचार मिला है।

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