बहुप्रतीक्षित चकबंदी नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी, ग्राम पंचायतों को मिलेगा अधिक पैसा, रोड टैक्स भी माफ
देहरादून: गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें चकबंदी जैसे अहम मुद्दों पर बडे फैसले लिए गए। सबसे बड़ा फैसला चकबंदी को लेकर हुआ है। कैबिनेट ने उत्तराखंड चकबन्दी एक्ट की नियमावली की संस्तुति को मंजूरी दी है। इसका नाम अब उत्तराखंड जोत चकबंदी एवं भूमि व्यवस्था नियमावली 2020 कर दिया गया है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में छितरी जोतों के बंदोबस्त का रास्ता साफ हुआ है।
ग्राम पंचायतों को अधिक पैसा
बैठक में फैसला लिया गया कि त्रिस्तरीय पंचायतों में भी ग्राम प्रधान क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत को 15वें वित्त आयोग का बजट आवंटित होगा। इसमें ग्राम प्रधानों को अब 75 फीसद, क्षेत्र पंचायतों को 10 फीसद और जिला पंचायतों को 15 फीसद का बजट दिया जाएगा। इस तरह अब ग्राम पंचायतों के पास अधिक पैस जाएगा। कोरोना संकट से निपटने में ग्राम पंचायतों अब अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकेंगी। 15वें वित्त आयोग के द्वारा 852 करोड़ रुपये जारी हुए हैं जिनमें से 575 करोड़ रूपए पंचायती राज एवं 278 करोड़ शहरी निकायों को दिया जाएगा। निकायों के बजट में से 3.54 प्रतिशत बजट छावनी निकायों को भी मिलेगा।
अन्य फैसले
* लॉक डाउन के दौरान शराब की दुकानें बंद रहने के कारण मार्च महीने में 34 करोड़ रुपये और अप्रैल माह का 195 करोड़ सरकारी अधिभार को माफ किया गया है।
* प्रदेश में मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना को लागू करने पर मुहर लगी है। यह योजना केंद्रीय कृषि योजनाओं के फंड में कमी को पूरा करेगी
* प्रदेश में परिवहन सेक्टर से जुड़े लोगो को हो रहे नुक्सान को देखते हुए वाहनों के परमिट पर 1 साल की छूट का फैसला लिया गया है, जबकि टैक्सी, टाइप, मैक्सी, ऑटो रिक्शा विक्रम के परमिट पर 3 महीने की छूट दी जाएगी।
* बैठक में उघोगों को दी जाने वाले राहत को लेकर कैबिनेट की सब कमेटी बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष हरक सिंह रावत को बनाया गया।
* वन विभाग में वन्यजीव अपराध अधिनियम के तहत 14 पदों को भी बैठक में मंजूरी दी गई है।
* 5 साल तक अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों को माना जाएगा बर्खास्त।
* उत्तराखंड लोक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग नियमावली में हुआ संशोधन। हिंदी की अनिवार्यता को जिला सूचना अधिकारी के लिए किया गया खत्म। सूचना अधिकारी के लिए ग्रेजुएशन और हिंदी की अनिवार्यता से हिंदी हटाकर ग्रेजुएशन और 1 साल का पत्रकारिता की डिप्लोमा या फिर पत्रकारिता की डिग्री अनिवार्य
* सर्व शिक्षा अभियान के तहत सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का विलय ,समग्र शिक्षा अभियान बना नया अभियान।
* बैठक में एकीकरण से पदों पर चली कैंची 2677 पदों की जगह केवल 1959 पद हुए मंजूर
*बीज खरीद को लेकर संशोधन, पहले 3 संघ से बढ़ाकर अब 5 संस्थानों से होगी बीज खरीद.
* वन विभाग के तहत जंगली शिकार को नियंत्रण के लिए पदों की संख्या बढ़ाई गई.