SDG Index: लंबी छलांग लगाकर उत्तराखंड तीसरे स्थान पर, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा व गरीबी उन्मूलन में बेहतर प्रदर्शन

रैबार डेस्क: कोरोना की त्रासदी के बीच उत्तराखंड के लिए एक उत्साह बढ़ाने वाली खबर है। सतत विकास की दिशा में उत्तराखंड (Uttarakhand) से कदमों से आगे बढ़ रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्य (SDG Index) सूचकांक में उत्तराखंड से संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया है। इस सूची में उत्तराखंड 72 अकों के साथ फ्रंट रनर राज्यों में शामिल हो गया है। ऊर्जा, शिक्षा की गुणवत्ता के साथ ही शांति, न्याय और संस्थाओं की मजबूती में राज्य ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

एसडीजी इंडेक्स स्कोर में केरल ने 75 स्कोर लेकर पहला स्थान प्राप्त किया है। 74 स्कोर के साथ हिमाचल प्रदेश व तमिलनाडू दूसरे तथा 72 स्कोर के साथ उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, गोवा और कर्नाटक तीसरे स्थान पर रहे हैं। वर्ष 2019 में उत्तराखंड का स्कोर 64 था जो 2020 में बढ़कर 72 हो गया है। 8 अंकों के सुधार के साथ उत्तराखंड अब फ्रंट रनर राज्यों में शामिल हो गाय है। उत्तराखंड ने शिक्षा, ऊर्जाव ग्रामीण विकास के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है। प्रदेश में पिछले एक वर्ष में सोलर एनर्जी को बढ़ावा मिला है जिससे एनर्जी क्षेत्र की रैंकिंग सुधरी है।

शिक्षा क्षेत्र में बड़ा सुधार
स्कूलों में डिजीटल एजुकेशन को बढ़ावा मिला है, स्मार्ट क्लास शुरू की गई हैं। प्राइमरी स्कूलों औऱ हायर एजुकेशन में इनरोलमेंट बढ़ा है। स्कूल ड्रॉपआउट रेश्यो भी 11 प्रतिशत से नीचे आ गया है। स्कूलों में स्वच्छथा, पीने के पानी, बिजली, फर्नीचर की व्यवस्थाओं में भी सुधार हुआ है। हालांकि छात्र-शिक्षक अनुपात अभी भी 15 के कम स्तर पर है। इन सुधारों के दम पर उत्तराखंड को शिक्षा क्षेत्र में सुधार में चौथा स्थान मिला है। उत्तराखंड ने यूपी, पंजाब, तेलंगाना जैसे राज्यों को पीछे छोड़ा है। इस इंडेक्स में केरल पहले स्थान पर है।
गरीबी हटाने स्वास्थ्य क्षेत्र में भी आगे
गरीबी उन्मूलन में राज्य ने इच्छाशक्ति दिखाई है। इसका नोडल विभाग ग्राम्य विकास है। भुखमरी दूर करने में उत्तराखंड ने 16 अंकों की लंबी छलांग लगाई है। स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्तराखंड ने 19 अंकों का सुधार किया है। उत्तराखंड में 11 साल तक के बच्चों के टीकाकरण में जबरदस्त सुधार हुआ है। स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च करने में भी उत्तराखंड ने 7.8 अंकों के लक्ष्य के सापेक्ष 12.5 अंक हासिल किए हैं। हालांकि मातृ मृत्यु दर अभी भी उत्तराखंड में ज्यादा बनी हुई है।
दरअसल एसडीजी को लेकर प्रदेश सरकार की इच्छाशक्ति ने अच्छा असर दिखाया है। सरकार की ओर से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सेंटर फार पब्लिक पालिसी एंड गुड गवर्नेंस की स्थापना की गई है। इस सेंटर की मुख्य कार्यकारी अपर मुख्य सचिव नियोजन मनीषा पंवार और अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा मनोज पंत ने राज्य के इस प्रदर्शन को विकास के प्रति दृढ इच्छाशक्ति का परिणाम बताया है। कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि एसडीजी रैंकिंग से यह साबित हो गया है कि सरकार ठीक दिशा में आगे बढ़ रही है। इस रैंकिंग में टाप पर पहुंचने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ा जाएगा।