राजपथ पर डोबरा चांठी पुल की झलक, PM ने पहनी पहाड़ी टोपी, जानिए क्या कहते हैं टोपी के निर्माता समीर शुक्ला
रैबार डेस्क : देशभर में 73वां गणतंत्र धूमधाम से मानाया जा रहा है। इस अवसर पर दिल्ली में राजपथ पर उत्तराखंड की संस्कृति की झलक भी देखने को मिली। उत्तराखंड की झांकी में बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब और (republic day parade uttarakhand tableue pm modi pahari topi) डोबरा चांठी पुल की भव्य झलक दिखी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहनी गई पहाड़ी टोपी सबके आकर्षण का केंद्र बनी रही।
राजपथ पर जैसे ही उत्तराखंड की झांकी निकली दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उसका स्वागत किया। उत्तराखंड की झांकी में धार्मिक पर्यटन औऱ इंफ्रासच्रक्चर के विकास को दर्शाया गया है।
अग्रभाग में हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा दिखाया गया है। ट्रेलर के आगे के हिस्से में डोबरा-चांठी ब्रिज को दिखाया गया है। 440 मीटर लंबा डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज टिहरी गढ़वाल जिला मुख्यालय और प्रताप नगर के बीच लिंक जोड़ रहा है। टिहरी बांध भारत का सबसे ऊंचा बांध और दुनिया का चौथा सबसे ऊंचा बांध है। झांकी के पिछले हिस्से में बद्रीनाथ धाम दिखाया गया है। झांकी के किनारे वाले हिस्से में 12 हजार करोड़ की चारधाम ऑल वेदर रोड़ को दिखाया गया है। चारधाम राजमार्ग परियोजना में केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के पवित्र हिंदू स्थलों में तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को सुगम यातायात की सुविधा प्रदान की गई है।
पीएम की पहाड़ी टोपी चर्चा में
राजपथ पर गणतंत्र समारोह शुरू होने से पहले जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने गए, सबका ध्यान उनकी वेशभूषा पर था। प्रधानमंत्री ने मणिपुरी गमछा, पंजाबी चूड़ीदार कुर्ता और उत्तर प्रदेश का जैकेट पहना था। पीएम के सिर पर ब्रह्मकमल वाली पहाड़ी टोपी सुशोभित थी। बहुत से लोग इसे आजाद हिंद फौज की टोपी बता रहे हैं, लेकिन हकीकत मे यह पहाड़ी टोपी है। जिसे मसूरी स्थित सोहम आर्ट म्यूजियम द्वारा तैयार किया गया है।
सोहम के संचालक समीर शुक्ला का कहना है कि पहाड़ की पारपंरकि टोपी पहले ग्रामीण परिवेश में ही पहनी जाती थी, लेकिन धीरे धीरे यह फैशन ट्रेंड बनती जा रही है। प्रधानमंत्री जी और अन्य विशिष्ट लोगों द्वारा इस शीशवस्त्र को धारण करने से निश्चित रूप से उत्तराखंड की परंपरा को मजबूती मिली है।समीर शुक्ला अभी क्षेत्रीय कारीगरों की टीम बनाकर ये टोपी बनाने का काम कर रहे हैं, जिससे इस टोपी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो पारंपरिक पहाड़ी टोपी पहनी थी, उसमें राज्य पुष्प ब्रह्मकल लगा हुआ है। इसके अलावा चार रंग की खास तरह की पट्टी लगी है जो जीव, प्रकृति, धरती, आसमान के सामन्जस्य के बारे में बताती है. यह टोपी खास लोकल कारीगरों की ओर से बनाई जाती है। इसी वजह से युवाओं के बीच भी इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है।