रिटायरमेंट से पहले IAS रामविलास यादव के 3 ठिकानों पर विजिलेंस की छापेमारी, आय से अधिक संपत्ति जुटाने का मामला
रैबार डेस्क: आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस विभाग की टीम ने आईएएस रामविलास यादव के तीन ठिकानों पर छापेमारी की है। रामविलास यादव उत्तराखंड सरकार ( vigilance raid on IAS officer ramvilas Yadav’s residents in disproportionate assets case) में समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव थे। इससे पहले वे ग्रामीण विकास विभाग और अन्य विभागों में अहम पदों पर रह चुके हैं। रामविलास यादव उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों में कई नेताओं के करीबी रह चुके हैं।
रामविलास यादव के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने उत्तराखंड में 19 अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया था। इसी के सिलसिले में शनिवार को रामविलास के देहरादून, लखनऊ व गोरखपुर स्थित तीन ठिकानों पर छापेमारी की गई। देहरादून में डीएसपी अनुषा के नेतृत्व में मामले में कार्रवाई चल रही है। वहीं लखनऊ में यादव के घर एएसपी रेनू लोहनी की टीम पहुंची। गोरखपुर में विजिलेंस के डीएसपी अनिल मनराल कार्रवाई कर रहे हैं।
19 अप्रैल को आईएएस रामविलास के खिलाफ विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया था। आईएएस रामविलास पर लखनऊ और देहरादून में आय से अधिक संपत्ति जुटाने का आरोप था। बताया जा रहा है कि रामविलास यादव पर अपनी आय से 500% तक अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। शासन की अनुमति के बाद मुकदमा दर्ज होते ही विजिलेंस ने अपनी कार्रवाई शुरू की थी। आईएएस रामविलास यादव उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के दौरान पावरफुल माने जाते थे। 2019 में वह उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आ गए थे। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड को आईएएस रामविलास यादव से जुड़े कुछ दस्तावेज भेजे गए थे इसके बाद उत्तराखंड शासन भी इन मामलों को लेकर सक्रिय हो गया था।
आईएएस रामविलास यादव 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। खबर है कि रामविलास यादव इन कार्रवाई से पहले ही छुट्टी पर चले गए हैं। जांच के दौरान जानकारी आई थी कि विजिलेंस द्वारा आईएएस अधिकारी को पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर आईएएस रामविलास यादव विजिलेंस के सम्मुख प्रस्तुत नहीं हो रहे थे। यही नहीं आईएएस रामविलास यादव पर जांच से जुड़े अधिकारियों को गुमराह करने का भी आरोप लगा है।