2024-05-02

पहाड़ के इस युवा ने शुरू की अनोखी मुहिम, घोड़ा लाइब्रेरी के जरिए दूरस्थ गावों में किताबे पहुंचा रहे शुभम

ghoda library deleivering books to kids in remotest areas of the villages

रैबार डेस्क: उत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों में आज भी बच्चे और महिलाएं शिक्षा से दूर हैं, कारण है सुविधाओं का न होना और लाइब्रेरी की कमी। बरसात के समय जब रास्ते तबाह हो जाते हैं तो इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है। लेकिन इस सबके बीच पहाड़ के कुछ जुनूनी युवा हैं, जो घर घर शिक्षा का दीप जलाने की कवायद में जुटे हैं।

नैनीताल जिले में कोटाबाग के शुभम बधानी ने एक अभिनव पहल शुरू की है। दरअसल शुभम दूरस्थ गावों के बच्चों तक घोड़ों के माध्यम से किताबें पहुंचा रहे हैं। घोड़ा लाइब्रेरी के उनके कटन्सेप्ट को देशभर के लोग सलाम कर रहे हैं। शुभम का मानना है की उत्तराखंड के गाँव में बच्चे विद्यालयों से और पढ़ाई से दूर हो रहे हैं। इस समस्या का हल निकालने के लिए शुभम और उनके साथियों ने मिलकर कोटाबाग ब्लॉक के दूरस्थ गावों में “घोड़ा लाइब्रेरी” की एक मुहिम्म शुरू की है। शुभम बधानी बताते हैं कि पर्वतीय गांव बाघनी, छड़ा एवं जलना के कुछ युवाओं एवं स्थानीय शिक्षा प्रेरकों की मदद से घोड़ा लाइब्रेरी की शुरुआत की। शुरुआती चरण में ग्राम सभा जलना निवासी कविता रावत एवं बाघनी निवासी सुभाष को इस मुहिम से जोड़ा गया। धीरे-धीरे गांवों के कुछ अन्य युवा एवं स्थानीय अभिभावक भी इस मुहिम से जुड़ते गए। अभी तक बाघनी, जलना, महल्धुरा, आलेख, गौटिया, धिन्वाखरक, बांसी में शुभम अपने साथियों के साथ मिलकर बच्चों को कई किताबें बांट चुके हैं। तबाही मचा देने वाली बरसात के बीच घर घर घोड़ों के ऊपर किताबें रखकर पहुंचाई जा रही है ।

इसकी शुरुआत शुभम ने 12 जून, 2023 में की थी। गर्मियों की छुट्टियों से लेकर मानसून में घोड़ा लईब्ररी से बच्चो और महिलाओं को बहुत मदद मिल रही है। चलती फिरती लाइब्रेरी की मुहिम पूरे विश्व में सिर्फ उत्तराखंड में की गयी है। इस मुहिम में कई युवा शुभम के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और पहाड़ों के लोगों के लिए शिक्षा के रास्ते नए नए तरीके से जोड़ रहे हैं।

इस मुहिम की सबसे खास बात यह है कि इसमें घोड़ों का सहयोग कम्युनिटी द्वारा दिया जा रहा है। अभिभावकों के बीच से ही किसी एक अभिभावक द्वारा हफ्ते में एक दिन के लिए अपने घोड़े का सहयोग, घोड़ा लाइब्रेरी के लिए दिया जाता है। इस काम में शुभम बधानी के साथ कविता रावत, पूजा बिष्ट, ज्योती अधिकारी, चंद्रप्रकाश सनवाल, शिवम् पांडेय, हेमंत सिंह कपकोटी, दीपक बधानी, शेखर सनवाल, ललित मोहन जोशी, गंगा गोस्वामी, प्रभा नेगी, उमा नेगी, दिपिका गुणवंत, टीकम बधानी, अमित जोशी, योगेश सनवाल समेत दर्जनों युवा इस मुहिम में मदद कर रहे हैं।

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