2024-05-07

कीचड़ का दरिया बनी सड़क, युवाओं ने पत्थर बिछाकर चलने लायक बनाया, सिस्टम को दिखाया आईना

Muddy road pauri

रैबार डेस्क: बरसात में सड़कों की बदहाली आम बात है। लेकिन जब सड़क कीचड़ का तालाब बन जाये तो क्या करें। जनप्रतिनिधि जिस सड़क को अव्वल बताकर गए , एक ही बरसात में वो सड़क कीचड़ का नाला बन गई। स्थानीय युवा खुद ही सड़क पर निकले और पत्थर गारे भरकर सड़क को चलने लायक (youth maintained dangerous road in pauri) बनाने की कोशिश में जुटे। ये कहानी है पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक में जाखखाली-नौडियालगांव-नानसू मोटर मार्ग की।

कफोल्सयूँ क्षेत्र में पीपलपानी आमडाली से जाखखाली-धरकोट को जोड़ने वाली सड़क इलाके के करीब ढाई दर्जन गांवों के लिए लाइफलाइन है। इसी सड़क के जरिए यहां के ग्रामीण पौड़ी या सतपुली से जुड़ते हैं। यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 90 के दशक के आखिरी वर्षों में बनी है। लेकिन इस सड़क के दिन ब दिन खराब होते हालात यहां आए दिन हादसों को न्योता दे रहे हैं। आलम ये है कि जिस सड़क पर कभी वाहन सरपट दौड़ते थे, आज वाहन मालिक उस सड़क पर चलने से कतराते हैं। बहुत जरूरी हो तो खस्ताहाल सड़क का रिस्क देखकर सवारियों से मोटा पैसा लेते हैं। इस सड़क की स्थिति के बारे में विधायक और प्रशासन को कई बार अवगत कराया जा चुका है। लेकिन नतीजा ढाक तीन पात।

करीब 23, 24 साल पुरानी इस सड़क पर केवल एक बार मरम्मत और डामरीकरण हुआ। लेकिन वो डामरीकरण भी नाममात्र का था। 6 महीने में ही वर्ष डामर उखड़ गया। मेंटिनेंस के 5 साल की बाध्य अवधि 2019 में खत्म हो चुकी है। गड्ढे बढ़ते जा रहे हैं। बरसात में यह मार्ग बेहद खतरनाक हो चुका है। तबसे क्षेत्र की जनता बार बार इस सड़क की मरम्मत की गुहार लगा रही है।लेकिन कोई सुनवाई नहीं है।

इसी सड़क में जाखखाली से नौडियालगांव- नानसू को जोड़ने वाला मार्ग भी है। लेकिन इसकी हालात तो और भी खस्ता है। 10 साल बाद भी इस 2 किलोमीटर के टुकड़े का डामरीकरण नहीं हो पाया। गड्ढे तो यहां पहले से थे, अब एक जोरदार बरसात हुई तो सड़क कीचड़ का दरिया बन गई। कुछ दिन पूर्व स्थानीय विधायक यहां आए थे। लोगों ने सड़क की स्थिति के बारे में बताया भी। लेकिन विधायक साहब ये कहके चलते बने कि, यह सड़क तो इलाके की सबसे अच्छी सड़कों में से एक है। अब अगर विधायक ने सबसे अच्छी सड़क इसे बताया है तो आप अन्य सड़कों की हालात का अंदाजा लगा सकते हैं। बहरहाल आसपास के स्थानीय युवाओं ने खुद ही बीड़ा उठाया और पत्थर ,ईंट, गारे भरकर सड़क को चलने लायक बनाने में जुट गए।

स्थानीय युवाओं की मानें तो बार बार विनती के बाद भी उक्त सड़कों की तरफ सभी जन प्रतिनिधि मुहं फेर रहे हैं। इस बात का हिसाब अब चुनाव में लिया जाएगा।

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