2024-04-25

पहाडों पर बरसी आफत, अब तक 23 की मौत, 2 लापता, नदियां उफान पर, रास्ते बंद

23 died after disaster in uttarakhand

रैबार डेस्क:  कुदरत के कहर ने पहाड़ को एक बार फिर मुश्किलों में डाल दिया है। बीते दो दिनों से प्रदेशभर में बारिश कहर बरपा रही है। प्रदेशभर में बारिश भूस्खलन के कारण अब तक 23 लोगों की मौत की खबर आ रही है, जबकि दो लोग लापता हैं। (HEAVY RAIN LASHES UTTARAKHAND, 13 DIED IN NAINITAL) नैनीताल जिले में बादल फटने के बाद भारी बारिश से 13 लोगों की मौत की खबर है। मुक्तेश्वर में 6 शव बरामद कर लिए गए हैं। रामगढ़ में भी 4 मजदूरों के शव निकाले गए हैं।

नैनीताल जनपद में मौसम का जमकर कहर बरपा है।  बादल फटने से जिले के कई हिस्सों में तबाही मची है। रामनगर में कोसी नदी विकराल रूप धारण किए है। कोसी बैराज में कल शाम 8 बजे तक 40 हजार क्यूसेक पानी था, जो आज सुबह डेढ़ लाख क्यूसेक तक पहुंच गया है। रामनगर के मौहान में पार्किंग में खड़ी कई गाड़ियां डूब गई हैं। यहां घूमने आए करीब 150 टूरिस्ट अलग अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। सुंदरखाल में फंसे पर्यटकों के रेस्क्यू के लिए रानीखेत से सेना बुलाई गई है। गर्जिया मंदिर का आधा हिस्सा जलमग्न हो चुका है।

नैनीताल के रामगढ़ औऱ मुक्तेश्वर में बादल फटने से तबाही मची है। नैनीझील का पानी 23 साल बाद ओवरफ्लो होकर बाजारों औऱसड़कों पर आ गया है। जिले के रामगढ़ ब्लॉक में मकान ढहने से 4 मजदूरों के दबे होने की खबर है।  जिले के अलग अलग हिस्सों में जमीन धंसने, मकान गिरने औऱ भूस्खलन से अब तक 13 मौतें हो चुकी हैं, जबकि दो लापता बताए जा रहे हैं। मुक्तेश्वर में डिग्री कॉलेज के पास दीवार गिर जाने से 6 मजदूर मलबे में दब गए। खैरना गरमपानी में भी भारी बरसात से बड़े नुकसान की खबर आ रही है। यहां एक मकान जमींदोज हो गया है।

उधर हल्द्वानी में में भी बारिश से आमजन हलकान है। यहा गौला नदी उफान पर है। काठगोदाम में रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा गौला नदी में समा गया है। हल्द्वानी से गौलापार को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। गौला नदी से एक झकझोरने वाली तस्वीर सामने आई है यहां गजराज भी प्रकृति के सामने लाचार नजर आए। बीचोंबीच एक हाथी गौला नदी में फंसा रहा।

विगत 48 घंटों में भूस्खलन और बरसात से अल्मोड़ा में 4 पौड़ी में 3, चंपावत में 2 और पिथौरागढ़ में 1 की मौत हुई है। दो व्यक्ति अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। भारी बारिश से प्रदेश की सभी नदियां उफान पर हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में दर्जनों हाइवे औऱ अन्य मार्ग भूस्खलन से बंद हैं।

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