आपदा ने लीली 44 जिंदगियां, नैनीताल में 30 की मौत, CM ने किया प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे
रैबार डेस्क: आफत की बारिश से मौत का कहर जारी है। पिछले 48 घण्टों में भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद अलग अलग घटनाओं में 44 लोगों की मौत की खबर है। (44 killed due to disaster in uttarakhand, cm took aerial survey of affected area) कुदरत का सबसे ज्यादा कहर नैनीताल जनपद में बरपा है। यहां 30 मौतों की पुष्टि हुई है। सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस व एसडीआरएफ के जवान राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं। सीएम पुष्कर धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है।
नैनीताल जनपद में पिछले 48 घंटे हो रही बारिश ने तबाही मचा दी है। भारी बारिश की वजह से नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जगह-जगह मलबा आने और सड़कें क्षतिग्रस्त होने से नैनीताल जिले से कुमाऊं मंडल के सभी संपर्क मार्ग कट गए हैं। आपदा के चलते अभी तक 30 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई लोग अभी लापता हैं। सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हुईं हैं। सबसे ज्यादा रामगढ़ में 9 मौतें हुई हैं।
इसके अलावा पिछले 48 घन्टों में भारी बारिश से चंपावत 4, पौड़ी में 3, अल्मोड़ा में 5, पिथौरागढ़ में 1, बागेश्वर में 1 की जान गई है। नैनीताल जिले में 40 के करीब पर्यटक फंसे हुए हैं। करीब 80 टूरिस्ट को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सेना की मदद से कोसी नदी में फंसे 25 लोगों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया है। चारधाम यात्रा पूरी तरह से ठप्प हो गयी है। नैनीताल में नैनी झील का पानी सड़कों पर आ गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल जनपद में आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है। सीएम ने प्रभावितों को हरसम्भव मदद का भरोसा दिया ह। सीएम ने हल्द्वानी में क्षतिग्रस्त गौला पुल का भी निरीक्षण किया है। सीएम ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये मदद की घोषणा की है। मुख्यमंत्री के साथ आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत और डीजीपी अशोक कुमार भी मौजूद रहे।
राहत बचाव कार्यों के लिए आपातकालीन जारी किए हैं। 0135-2710334, टोल-फ्री-1070 मोबाइल नंबर 8218867005, 9557444486