2024-04-25

पिता से किया वादा अधूरा छोड़ गया शहीद दिनेश, सैन्यधाम उत्तराखंड से 3 दिन में तीसरी शहादत

अल्मोड़ा: बीते कुछ दिन उत्तराखण्ड के जवानों के लिए शुभ साबित नहीं हो रहे हैं। रविवार को पिथौरागढ़ में कुमाऊं रेजिमेंट के दो शहीदों के पार्थिव शरीर पहुँचे ही थे कि पड़ोसी जिले अल्मोड़ा के मिरगांव में भी शोक की लहर दौड़ गई। जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से मोर्चा लेते हुए भारतीय सेना के दो ऑफिसर और तीन जवान शहीद हो गए। इन्हीं जवानों में अल्मोड़ा के मिरगांव के रहने वाले लांस नायक दिनेश सिंह भी शहीद हुए। दिनेश को इसी महीने घर आना था लेकिन लॉकडाउन के कारण वह कश्मीर में ही रुक गए। दो दिन पहले ही अपने पिता से बातचीत में दिनेश ने जल्द घर लौटने का वादा किया था।

दिनेश की शहादत की खबर से पूरे गांव में मातम पसरा है। दिनेश के पिता गोधन सिंह व माता तुलसी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। दिनेश उनके एकलौते बेटे थे। उनकी बहन की शादी कुछ साल पहले हो चुकी है। दिनेश की शादी के सपने उनके मां-बाप ने देखे थे, जिसको लेकर वे तैयारी में भी जुटे थे ।दिनेश 2015 में सेना में भर्ती हुए थे। दिनेश आखिरी बार पिछले साल दिसंबर में अपने घर आए थे।

तीन दिन में उत्तराखंड के तीन लाल शहीद
सैन्यधाम उत्तराखंड देश के लिए बलिदान देने में कभी पीछे नहीं रहता।बीते तीन दिनों के भीतर यह उत्तराखंड के तीसरे बेटे की शहादत है। दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर में ही पाकिस्तानी गोलाबारी में पिथौरागढ़ जिले के दो बेटे शहीद हुए थे। इन दोनों शहीदों के परिजन अभी उनके शवों के इंतजार में ही थे कि अब अल्मोड़ा जिले के मिरगांव के एक और बेटे के शहीद होने के समाचार से पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर छा गई।

कर्नल मेजर समेत 5 शहीद
हंदवाड़ा में आतंकियों के खिलाफ अभियान में कर्नल और मेजर समेत कुल पांच जवान शहीद हुए।कश्मीर घाटी के हंदवाड़ा में चल रही इस मुठभेड़ में दो आतंकी मार गिराए गए हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक जवान ने भी आतंकियों से लोहा लेते हुए शहादत दी है। नागरिकों को आजाद कराने के लिए सेना के कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश घर में घुसे। पांच लोगों की इस टीम में जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर शकील काजी भी शामिल थे। इन सभी लोगों ने घर में घुसकर आतंकियों का सामना किया। इस दौरान एक-एक करके घर में बंधक बनाए गए सभी नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया। भीषण गोलीबारी के बीच सेना के जांबाजों ने पहले नागरिकों को महफूज किया लेकिन भीषण गोलीबारी के बीच अपनी जान कुर्बान कर दी।

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