दूसरे राज्यों में फंसे सभी लोगों की नहीं होगी घर वापसी, गृहमंत्रालय के आदेश के बाद बदला सरकार का प्लान
देहरादून : लॉकडाउन के दौरान अफने घर लौटन का इंतजार कर रह लाखों प्रवासी उत्तराखंडियों की उम्मीदों को बड़ा झटका लग है। उत्तराखंड सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे सभी प्रवासियों को घर लाने की योजन पर काम शुरू कर दिया था, लेकिन गृह मंत्रालय के आदेश के बाद इस प्लान मे संशोधन करना पड़ा है। नए आदेश क मुताबिक फिलहाल दूसरे राज्यों में रह रहे सभी लोगों की घर वापसी नहीं होगी। उत्तराखंड सरकार पहले उन लोगों को लाएगी जो राहत कैंपों या फिर रास्तों में फंसे है।
केंद्र सरकार ने इस संबंध में नई गाइड लाइन जारी की, जिससे घर वापसी की उम्मीद लगाए उत्तराखंडवासियो के लिए जरूरी खबर आई है। इस गाइडलाइन में कहा गया कि राज्य सरकारें केवल उन्हीं लोगों को वापस बुलाएं जो
*लॉकडाउन शुरू होने के आसपास दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं,
*जो श्रमिक हैं औऱ दूसरे राज्यों में उनके पास कोई काम नहीं है
*जो छात्र हैं, पर्यटक या श्रद्धालु हैं।
सर्कुलर में कहा गया है कि सरकारें राहत शिविरों में रह रहे लोगों को प्राथमिकता से बुला सकती हैं।
इस गाइडलाइन से ये स्पष्ट है कि जो लोग दूसरे प्रदेशों में अपना घर बनाकर रह रहे हैं। लॉकडाउन से काफीपहल से दूसरे शहरों में बसे हैं. उनकी वापसी फिलहाल मुश्किल दिख रही है।
आपको बता दें कि पुरानी गाइड लाइन में केंद्र सरकार ने कहा था कि सभी राज्य दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों, कामगारों और आम लोगों को मूल प्रांत में जाने देंगे। इन्हें लाने का इंतजाम राज्य सरकारें करेंगी। गाइड लाइन जारी होती ही उत्तराखंड सरकार ने लोगों को घर वापस लान क कवायद तेज कर दी थी। उनके लिए एक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लिंक जारी किया गया था जिसमें दो दिन में ही डेढ़ लाख से ज्यादा प्रवासी उत्तराखंडियों ने घर लौटने के लिए रजिस्ट्रेशन करा दिया था।
लेकिन अब गाइड लाइन में संशोधन किया गया है। नई गाइड लाइन के अनुसार राज्य आपसी समन्वय कर उन्हीं लोगों को घर ले जा सकते हैं जो कि राहत कैंपों या फिर रास्तों में फंसे हैं। घरों में रहने वाले लोगों को फिलहाल नहीं लाया जाएगा।