विरासत : 500 साल पुराना ऐतिहासिक स्यूनराकोट नौला राष्ट्रीय महत्व का प्राचीन स्मारक घोषित
रैबार डेस्क: उत्तराखंड के लिए उत्साहजनक खबर है। अल्मोड़ा में स्यूनराकोट के 500 साल पुराने प्राचीन नौले को भारत सरकार ने राष्ट्रीय महत्व का प्राचीन स्मारक घोषित किया है। कत्यूरकालीन सभ्यता एवं संस्कृति का गवाह यह नौला कुमाऊं (500 Years old syunarkot naula declared national monument) की प्राचीन स्थापत्य कला और जल संस्कृति का अद्भुत का उदाहरण है। इस बाबत भारत सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी किया है।
अल्मोड़ा के मटेना गांव में 1522 में कत्यूरी शासनकाल में नौला बना था लेकिन देखरेख के अभाव में यह मलबे से पट गया था। वर्ष 1522 में नौला बनने का शिलापट लगा था। इसके बाद दो साल पहले 500 साल पुराने इस नौले के जीर्णोद्धार का काम पूरा किया गया था।
5 सदी पुराने नौले की खासियत
कत्यूरकाल में सामरिक लिहाज से बेहद अहम स्यूनराकोट की तलहटी पर बने मंदिरनुमा प्राचीन नौले के राष्ट्रीय धरोहर घोषित होने से आने वाली पीढ़ी के लिए अध्ययन स्थली भी बनेगा। 14वीं सदी में निर्मित प्राचीन नौले में भगवान विष्णु के सभी दस अवतारों को दुर्लभ स्थापत्यकला के जरिये अलंकृत किया गया है। यह कुमाऊं की चुनिंदा अद्भुत एवं उत्तम स्थापत्यकला का उदाहरण भी है। साथ ही जल विज्ञान एवं संरक्षण की मिसाल भी।
स्थानीय ग्रीन ग्रेनाइट पत्थरों से बने प्राचीन नौले के चारों ओर संधी उपासना की कलाकृतियां उकेरी गई हैं। गर्भगृह व बाहरी भाग में मंदिर जैसी कलाकृतियां तथा भगवान विष्णु के दस अवतारों की आकृतियां इसे और विशिष्ट बनाती हैं। पुरातत्वविदों का मानना है कि प्राचीन समय में संभवत: नौले की परिक्रमा की परंपरा रही होगी, इसलिए स्यूनराकोट का प्राचीन नौला चारों तरफ से खुला है।