2024-05-02

टनल हादसा: इस तकनीक से बाहर निकाले जाएंगे फंसे हुए श्रमिक, लग सकते हैं दो दिन

reascue operation in silkyara tunnel

रैबार डेस्क: भूस्खलन के बाद सिलक्यारा सुरंग के भीतर फंसे 40 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने में दो दिन का वक्त लग सकता है। राहत औऱ बचाव एजेंसिया सभी संभव विकल्पों पर विचार कर रही हैं। इन विकल्पों में से एक है, ऑगर मशीन से बोरिंग के जरिए श्रमिकों को बाहर निकाला जाए। इसमें दो दिन का वक्त लग सकता है। राहत की बात ये है कि मजदूर सुरक्षित हैं, और 5, 6 दिन का पर्याप्त ऑक्सीजन मौजूद है।

आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सुरंग के अंदर लैंडस्लाइड का जायजा लिया। सचिव डॉ सिन्हा ने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं।उन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

ऑगर मशीन के जरिए ऐसे निकाला जाएगा बाहर

डॉ सिन्हा ने बताया कि मजदूरों को निकालन के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए ऑगर बोरिंग तकनीक अपनाई जा रही है। देहरादून से बोरिंग के लिए ऑगर मशीन मंगवाई गई है। उस मशीन से बोरिंग करके ढाई फीट व्यास का पाइप डाला जाएगा। इसी पाइप के जरिए सभी मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। चूंकि ऑगर बोरिंग में कम से कम 24 घंटे का समय लगता है इसलिए माना जा रहा है कि मजदूरों को बाहर निकालने में एक से दो दिन का समय लग सकता है।

आपदा सचिव ने बताया कि सुरंग के जिस हिस्से में भूस्खलन हुआ है, वहां पर सॉफ्ट रॉक है, जिसके चलते ये घटना घटी है। आपदा सचिव ने कहा कि मजदूरों के लिए पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन, खाद्य सामग्री व पानी भेजा जा रहा है। इसके अलावा जेसीबी और अन्य मशीनों से भी मलबा बाहर निकालने का काम जारी है।

25 मीटर तक पहुंची रेस्क्यू टीमें

सिलक्यारी टनल में भूस्खलन के बाद बचाव अभियान जारी है। 60 मीटर की टनल में से 25 मीटर के करीब मलबा हटाया जा चुका है, अभी भी 35 मीटर तक मलबा हटाना रह गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed