भारी बारिश और भूस्खलन के बीच B.R.O. ने चीन सीमा पर बनाया बेली ब्रिज, मुनस्यारी-जौलजीबी के बीच कनेक्टिविटी बहाल
पिथौरागढ़: उत्तराखंड के दुर्गम सीमांत क्षेत्रों लिए भारतीय सेना का सीमा सड़क संगठन किसी देवदूत से कम नहीं हैं। मानसून के समय भीषण बरसात और भूस्खलन से जब सीमांत क्षेत्रों का संपर्क पूरी तरह से कट जाता है, ऐसे हालात में बीआरओ इ लोगों को मुख्यधारा से जोड़न का काम करता रहा है। उत्तराखंड की सीमा चीन से भी सटी हुई है, इस लिहाज से सामरिक दृष्टिकोण से भी बीआरओ महत्वपूर्ण सड़कों और पुलों के निर्माण, मरम्मत और देखरेख के काम को निर्बाध रूप से अंजाम दे रहा है। पिथौरागढ़ में भी बीआरओ ने चीन सीमा के पास 180 फुट लंबा बेली पुल बनाया है। इस पुल के बनने से पिथौरागढ़ जिले के 20 सीमांत गांवों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, साथ ही चीन सीमा तक भारतीय सेना की राह आसान हो जाएगी।
दरअसल 27 जुलाई को चीन की सीमा के सटे जौलजीबी क्षेत्र में मानसूनी बारिश से पुल और सड़कें भूस्खलन की भेंट चढ़ गईं। जौलजीबी सेक्टर में बादल फटने से नदियां और नाले उफान पर आ गए थे। यहां एक बड़ा भूस्खलन भी हुआ था। जिसमें जौलजीबी को मुनस्यारी सेक्टर से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण पुल भी बारिश की भेंट चढ़ गया था। इससे इलाके का संपर्क औऱ संचार सेवाएं पूरी तरह से ठप्प हो गया था। बीआरओ के लिए इस पुल का निर्माण करना किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन बीआरओ के इंजीनियर्स ने हौसला दिखाया और खराब मौसम के बावजूद लगातार मेहनत करते रहे। भूस्खलन की वजह से बीआरओ को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बेली ब्रिज के कुछ हिस्सों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में मुश्किल आई, लेकिन बीआरओ पुल निर्माण का काम पूरा करने में सफल रहा। आखिरकार दो हफ्तों के भीतर 16 अगस्त को 180 फीट लंबे इस महत्वपूर्ण बेली ब्रिज का काम पूरा हो गया। रविवार से इस पुल पर आवाजाही शुरू हो गई है।
इस बेली ब्रिज को बनाने में बीआरओ को एक पोकलैंड, एक क्रेन और 80 मजदूरों को काम पर लगाना पड़ा। इस बेली ब्रिज के बनने से न सिर्फ मुनस्यारी औऱ जौलजीबी के बीच 66 किलोमीटर के क्षेत्र में सड़क संपर्क स्थापित हुआ है बल्कि जौलजीबी के 20 गावों की करीब 15 हजार की आबादी को सीधा फायदा पहुंच रहा है। हाल ही में आपदा की मार झेल रहे पिथौरागढ़ के कई हिस्सों में राहत सामग्री पहुंचाने औऱ बचाव दल के पहुंचन के लिए भी यह पुल बेहद मददगार साबित होगा।
चीन सीमा के पास बना ये पुल रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है। इससे सेना की चीन सीमा तक पहुंच आसान बनेगी। पिथौरागढ़ जिले की सीमा चीन से लगती है। इन दिनों भारत-चीन के बीच तनातनी चल रही है। ऐसे में ये पुल सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।