गैरसैंण में भूमिधर बने CM त्रिवेंद्र, रिवर्स पलायन के लिए जनप्रतिनिधियों को दी कड़ी नसीहत
गैरसैंण: लगता है अब पहाड़ों के दिन बहुरने वाले हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के सबसे बड़े मुद्दे गैरसैंण को भुनाकर सभी जनप्रतिनिधियों को पहाड़ की ओर लौटने का कड़ा संदेश दिया है। सीएम ने गैरसैंण में जमीन खरीदकर रजिस्ट्री करवाई है। इस तरह सीएम अब गैरसैंण के भूमिधर बन गए हैं। सीएम ने साफ कहा है कि जनप्रतिनिधियों को रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में गंभीरता से पहल करनी होगी। जब जनप्रतिनिधि पहल करेंगे, तभी आम लोग भी रिवर्स माइग्रेशन के लिए प्रेरित होंगे।
सीएम त्रिवेंद्र ने खुद इस बात का एलान किया है कि वे गैरसैंण के भूमिधर बन गये हैं। अपनी फेसबुक पोस्ट में सीएम ने लिखा है, : गैरसैण जनभावनाओं का प्रतीक है।गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि होती हैं। गैरसैंण के रास्ते ही समूचे उत्तराखण्ड का विकास किया जा सकता है। सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही रिवर्स पलायन करना होगा।रिवर्स पलायन से ही सुधरेगी पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूँ।
यानी सीएम त्रिवेंद्र ने अब तक देहरादून में बैठकर मौज काट रहे नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स को अब पहाड़ चढ़ने का सख्त संदेश दिया है।सीएम ने ये भी साफ कर दिया है कि गैरसैंण जनभावनाओं का केंद्र बिंदु है, लिहाजा इस मुद्दे पर कोई हीला हवाली बर्दाश्त नहीं होगी। का भूमिधारी बनने के बाद अब अन्य जनप्रतिनिधिओं को भी इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा। सीएम त्रिवेंद्र के इस मास्टरस्ट्रोक ने पिछले दिनों पूर्व सीएम हरीश रावत के एजेंडे को तहस नहस कर दिया। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बाद अब भाजपा सरकार विपक्ष को कोई भी मुद्दा नहीं देना चाहती।
इससे पहले स्वतंत्रता दिवस के दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण में तिरंगा फहरा कर इतिहास रचा था। त्रिवेंद्र, स्वतंत्रता दिवस पर गैरसैंण में तिरंगा फहराने वाले पहले मुख्यमंत्री बने हैं।