2024-05-02

वन मंत्री के खिलाफ धरने पर बैठे भाजपा के विधायक दुर्गश्वर लाल, मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप

purola bjp mla on dharna against his own minister

रैबार डेस्क: पुरोला से भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल आर्या फिर एक बार तल्ख तेवरों केसाथ सरकार पर हमलावर हैं। इस बार दुर्गेश्वर लाल ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके आवास के बाहर धरना दिया है। दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि वन मंत्री ने उनके लिए अपमानजनक जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया है। साथ ही डीएफओ अभिलाष और डीएफओ कुंदन कुमार के खिला फकई शिकायतें मिलने के बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

मंगलवार को सरकार के लिए असहज स्थिति हो गई जब पुरोला से भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल अपनी मांगों को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल के घर के बाहर धरने पर बैठ गए । उन्होंने डीएफओ अभिलाष और डीएफओ कुंदन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए उनके ट्रांसफर की मांग की है। उन्होंने कहा है कि दोनों आम जनता के बेवजह चालान करते हैं इसके साथ ही उन्होंने विकास कार्य न करने का भी आरोप लगाया है। दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि पुरोला विधानसभा में कुछ समय से नए नियमों के कारण यहां आने वाले सैलानियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिस कारण पिछले कुछ दिनों से स्थानीय टूरिस्ट गाइड और होटल, तथा होम स्टे संचालक सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज दुर्गेश्वर लाल विवाद के समाधान के लिए वन मंत्री से बात करने के लिए पहुंचे थे। लेकिन असफल वार्ता के बाद वो उनके आवास पर ही बैठ गए।

दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि उन्होंने कई बार डीएफओ की शिकायत वन मंत्री से की, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद वन मंत्री उनकी नहीं सुन रहे हैं। उल्टा उन्हें अपमानित कर रहे हैं। दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि मेरे पास रिकॉर्डिंग तो नहीं है, लेकिन वन मंत्री ने मेरे खिसाफ जातिसूचक अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है। इसलिए मैं अपनी मांगों को लेकर उनके आवास पर धरना दे रहा हूं।

मैंने नहीं किया जातिसूचक शब्दों का प्रयोग वन मंत्री

विधायक के आरोपों के बाद वन मंत्री सुबोध उनियाल की भी सफाई आई है, उनियाल ने कहा कि भाजपा विधायक दुर्गेश लाल उनके पास डीएफओ के ट्रांसफर के संबंध में आए थे।जिस पर उन्होंने एक हफ्ते के भीतर जांच करने के लिए प्रमुख वन संरक्षक को लिखा था लेकिन उन्होंने जिस लेटर पर जांच के लिए निर्देश दिए थे विधायक दुर्गेश्वर लाल के द्वारा इस लेटर को उनके सामने फाड़ दिया गया। भाजपा विधायक का ये व्यवहार उचित नहीं है। जहां तक वो जाति सूचक शब्दों का आरोप लगा रहे हैं तो उन्होंने किसी भी तरीके से कोई अपशब्द उनके लिए नहीं कहे हैं।

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