हिट एंड रन कानून के खिलाफ दूसरे दिन भी थमे वाहनों के पहिए, खाद्यान्न सप्लाई पर लगेगा ब्रेक, पेट्रोल डीजल की होने लगी किल्लत
रैबार डेस्क: केंद्र सरकार की ओर से हिट एंड रन को लेकर बनाए जा रहे नए कानून के विरोध में देशभर के वाहन चालक सड़कों पर उतरे हैं। उत्तराखंड में भी तीन दिन की हड़ताल से जनजीवन अस्त व्यस्त दिख रहा है। देहरादून में बसों और ट्रकों की हड़ताल के बाद दूसरे दिन टेंपों और विक्रम चालकों ने भी पहिए जाम कर दिए हैं। इससे लोगों को आने जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रकों की हड़ताल से खाने पीने की चीजों, फल सब्जियों की सप्लाई पर बी असर पड़ा है। माना जा रहा है कि हड़ताल जारी रहने से किल्लत बढ़ेगी तो महंगाई भी आसमान छूने लगेगी।
देहरादून से लेकर हल्द्वानी तक सभी बस स्टेशनों में यात्री एक बस से दूसरी बस के दरवाजों पर दस्तक देते नजर आए, लेकिन उन्हें अपने गंतव्य तक जाने में निराशा ही हाथ लगी। आईएसबीटी देहरादून में सामान लादे लोग पैदल आवागमन करते दिखे। इक्का-दुक्का चालकों ने वाहन चलाने की कोशिश की तो उन्हें यूनियन के अन्य चालकों ने रोक दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान वाहन चालकों ने कानून कोवापस लेने की मांग की है।
ऑल ओवर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर राव अखलाक ने कहा कि ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के बैनर तले ट्रक चालक आज भी हड़ताल पर है। कहा कि सरकार ने 10 साल की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान वापस नहीं लिया तो मजबूरन हड़ताल करनी होगी। अकेले उत्तराखंड में पांच हजार से ज्यादा वाहनों के पहिए जाम हो जाएंगे।
ट्रक चालकों में कानून के खिलाफ आक्रोश है, उन्होंने कहा है कि ट्रक चालक दस हजार रुपये की नौकरी करते हैं। उन्हें 10 वर्ष की सजा होगी और पांच लाख रुपये जुर्माना देना होगा तो वह गाड़ियों को चलाने से बेहतर दिहाड़ी मजदूरी कर लेंगे।
पेट्रोल की किल्लत होगी
हड़ताल का असर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई पर भी दिखने लगा है। मंगलवार को देहरादून केकई पेट्रोल पंपों पर समान्य पेट्रोल की कमी देखी गई। पेट्रोल की किल्लत की आशंका को देखते हुए मंगलवार सुबह से ही पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी लंबी कतारें लगी हैं। हड़ताल के बाद टैंकरों के जरिए खासतौर से पहाड़ी क्षेत्रों में पेट्रोल डीजल की सप्लाई ठप सी हो गई है।
गहरा सकता है राशन संकट
ट्रक चालक की हड़ताल से न सिर्फ शहरों में स्पलाई बाधित हुई है बल्कि देहरादून या हद्ल्वानी से गढ़वाल व मुमाऊं के पहाड़ी क्षेत्रों में राशन की सप्लाई पर भी ब्रेक लगा है। हड़ताल जारी रहने से पहाड़ में खाद्यान्न संकट गहरा सकता है।