बंशीधर भगत के बयान पर बवाल, CM ने दिखाया बड़ा दिल, विरोधी भी हुए सीएम के कायल
रैबार डेस्क: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत (Banshidhar Bhagat) द्वारा नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश (Indira Hridayesh) पर की गई अमर्यादित टिप्प्णी से सूबे की सिय़ासत गर्मा गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh RAWAT) ने प्रदेश अध्यक्ष के बयन पर इंदिरा ह़दयेश से माफी मांग कर एक मिसाल कायम की है। वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी सीएम त्रिवेंद्र की तारीफ करके इस घटना को नया मोड़ दिया है।
मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भीमताल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की उम्र पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। भगत ने था इंदिरा के इस बयान पर कि कुछ भाजपा विधायक उनके संपर्क में हैं, नेता प्रतिपक्ष की उम्र पर आपत्तिजनक टिप्पणी के साथ यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि वृद्ध नेता प्रतिपक्ष के संपर्क में अब कौन आएगा। डूबते जहाज के संपर्क में कौन आता है?
भगत के इस बयान के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आने लग गईं। मामला अभी-अभी स्वस्थ होकर लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संज्ञान में आया तो उन्होंने ट्वीट के जरिये बयान से हुए नुकसान की भरपाई की कोशिश की। उन्होंने ट्वीट कर भगत के बयान पर दु:ख जताया और व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगी। सीएम ने ट्वीट किया आदरणीय इंदिरा हृदयेश बहन जी, आज मैं अति दुखी हूं। महिलाएं हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हूं जो मेरी तरह दुखी हैं। मैं कल आपसे व्यक्तिगत बात करूंगा और पुन: क्षमा याचना करूंगा।
राजनीतक हलकों में सीएम के त्वरित हस्तक्षेप की सराहना हो रही है। विरोधी भी सीएम की इस पहल के कायल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सीएम त्रिवेंद्र ने सूझबूझ का परिचय दिया है जिसके लिए उनकी सराहना करता हूं। हरीश रावत ने मुख्यमंत्री द्वारा नर्सिंग औऱ दिव्यांगों से संबंधित फैलसे लेने पर भी उनका आभार जताया है। स्वस्थ होते ही #नर्सिंग के बच्चों और विकलांगों को उपहार देना बहुत अच्छा लगा, #थैंक्यू_मुख्यमंत्री जी। #भगत जी की अमर्यादित टिप्पणी पर खेद जताकर मुख्यमंत्री जी ने एक बहुत स्वागत योग्य, सूझ-बूझ का परिचय दिया है, मैं उसके लिये भी उनकी सराहना करना चाहूंगा औरअपनी पार्टी को आंशिक रूप से, फजीहत से बचा लिया।
इस पूरे मसले पर सीएम त्रिवेंद्र ने राजनीतिक प्रतिद्वंदिता को किनारे रखते हुए महिला सम्मान का उत्तम उदाहरण पेश किया है। निश्चित रूप से सीएम त्रिवेंद्र की राजनीतिक सूजबूझ से एक बड़ा मुद्दा कांग्रेस के हाथ से छिटक गया।