पहाड़ के युवा ने किया कमाल, रुद्रप्रयाग के मयंक रावत बने न्यूक्लियर साइंटिस्ट
रैबार डेस्क : देवभूमि उत्तराखंड के युवा स्किल औऱ क्षमता में किसी से कम नहीं हैं। अब उत्तराखंड की वादियों से भी परमाणु वैज्ञानिक (Nuclear Scientist) निकल रहे हैं। रुद्रप्रयाग (Rudraprayag)) के युवा मयंक रावत (Mayank Rawat)ने भी अपनी उपलब्धि से पूरी देवभूमि को गौरवान्वित किया है। कंडारा गांव निवासी मयंक का चयन न्यूक्लियर साइंटिस्ट के रूप में हुआ है।
रुद्रप्रयाग की क्यूंजा घाटी के कंडारा गांव निवासी मयंक रावत का इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र कलपक्कम, चेन्नई में परमाणु वैज्ञानिक के पद पर चयन हुआ है। वर्तमान में वह आईआईटी मद्रास से मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी इस उपलब्धि पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने उन्हें बधाई दी है। मयंक के पिता विजयपाल सिंह पौड़ी में सीईओ कार्यालय में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर तैनात हैं।
मयंक रावत ने वर्ष 2012 में केंद्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि से हाईस्कूल किया। इसके बाद नवोदय विद्यालय जाखधार से इंटरमीडिएट किया। वर्ष 2015 में मयंक रावत ने एनआईआटी श्रीनगर गढ़वाल में बीटेक में प्रवेश लेते हुए वर्ष 2019 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की चार वर्ष की पढ़ाई पूरी की। बीते वर्ष उन्होंने आईआईटी मद्रास में एमटेक में प्रवेश किया। अब, पहाड के इस होनहार छात्र का चयन इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र कलपक्कम चेन्नई में परमाणु वैज्ञानिक के पद पर हुआ है।
उनके पिता ने बताया कि 18 जनवरी को मयंक को ज्वाइनिंग के लिए बुलाया है। क्यूंजा घाटी के इस युवा की उपलब्धि पर उसके परिजनों और स्थानीय लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। मयंक को सोशल मीडिया पर भी ढेर सारी बधाईियां मिल रही हैं।