2024-04-30

कैम्पा के तहत 10 हजार रोजगार का रास्ता साफ, राज्य में वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर बनाने को पर्यावरण मंत्रालय की सैद्धांतिक स्वीकृति

रैबार डेस्क: उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष में कमी लाने तथा वनाग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए प्रभावी नीति तैयार की गई है।इसके लिए कैम्पा योजना के तहत ₹262.49 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra singh rawat) ने इस बाबत केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (prakash javadekar) से बात की।

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री को मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि कोविड-19 के कारण लाखों की संख्या में उत्तराखंड के लोग वापस अपने राज्य में आए हैं। राज्य सरकार ने इनके रोजगार के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अनेक कदम उठाए हैं।

कैम्पा में भी 10 हजार लागों को रोजगार देने के लिए योजना बनाई गई है। पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण में उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष और वनाग्नि पर प्रभावी रोक लगाने के लिए भी कैम्पा के तहत 2020-21 के लिए 262 करोड़ 49 लाख रूपए की अतिरिक्त धनराशि का प्रस्ताव भारत सरकार के वन मंत्रालय को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इस प्रस्ताव की स्वीकृति का अनुरोध किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में जंगली जानवरों द्वारा विशेष तौर पर बंदर, सूअर, और मैदानी क्षेत्रों में नील गाय खेती को नुकसान पहुंचाते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों पर गुलदार के हमले की घटनाओं को रोकने और जंगली जानवरों द्वारा खेती को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर को वानिकी गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने मुख्यमंत्री के अनुरोध पर अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति दी।

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