राम मंदिर आंदोलन: भेष बदलकर आंदोलन में शामिल हुआ, उत्तरकाशी से पैदल चलकर आये थे रामभक्त: CM त्रिवेंद्र
देहरादून: भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या आज एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रभु राम मंदिर के भूमिपूजन और शिलान्यास पूर्ण होने के अवसर पर हर कोई अपने स्मरण साझा कर रहा है। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया है। सीएम ने राम मंदिर आंदोलन से जुड़े अपने संस्मरण भी साझा किए।
सीएम त्रिवेंद्र ने श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण देखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राम मन्दिर का भूमि पूजन एवं शिलान्यास का स्वर्णिम अवसर कई वर्षों के संघर्ष के बाद आया है। देश और अयोध्या में सैकड़ों परिवार ऐसे हैं, जो काफी समय से अखण्ड रामायण का पाठ एवं रामधुन कर रहे हैं। अयोध्या में श्रीराम मन्दिर बने, हजारों लोगों ने इसके लिए बलिदान दिया। आज उन हजारों लोगों का संघर्ष स्वरूप ले रहा है।
सीएम ने सुनाए आंदोलन के किस्से
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि 1989 में जब अयोध्या में श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए आन्दोलन बहुत तीव्र हुआ था, सब लोग श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए जागरण करते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1989 में जब श्रीराम मन्दिर के लिए आन्दोलन चल रहा था, तब लोगों से श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए सवा रुपये एकत्रित किये जाते थे, कि श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए एक पत्थर आपके नाम का भी लग जायेगा। उत्तरकाशी के दूरस्थ गांव लिवाड़ी-फिताड़ी से 18 किमी पैदल चलकर लोग श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए वहां से शिला लाये। श्रीराम मन्दिर के भूमि पूजन से ऐसे लोगों की आत्मा को शांति मिलेगी। इस आंदोलन में वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रचारक मोरोपंतजी पिंगले, अशोक जी सिंघल, महन्त अवैध्यनाथ जी एवं कोठारी बंधुओं ने इस आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भेष बदलकर आंदोलन में शामिल हुए CM
मुख्यमंत्री ने अपने स्मरण को साझा करते हुए कहा कि श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए जब 1989 में आन्दोलन चल रहा था, तब वे मेरठ में थे। भेष बदलकर हमने इस आन्दोलन में भाग लिया था। हमारे साथ हजारों लोगों ने इस आन्दोलन में भाग लिया।
गौरतलब है कि आज दोपहर साढ़े 12 बजे शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के लिए भूमि पूजन तथा शिलान्यास किया। इस अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ आदि लोग शामिल थे। कोरोना के कारण इस बार VIP लोगों की मौजूदगी कम रही।