म्यांमार में भीषण गोलीबारी के बीच, रणनीतिक सड़क बनाने में जुटे हैं उत्तराखंड के युवा
रैबार डेस्क: केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो को अंजाम देने वाले कर्नल अजय कोठियाल आजकल कहां हैं? इस सवाल का जवाब मिल चुका है। भारत सरकार ने कर्नल कोठियाल को एक बहुत ही महत्वपूर्ण मिशन पर भेजा है। कर्नल कोठियाल पहाड़ के युवाओं के साथ पड़ोसी देश म्यांमार में एक खास मिशन मे जुटे हैं। खास बात ये है कि म्यांमार की सेना और विद्रोही गुट अराकन आर्मी की गोलीबारी के बीच उत्तराखंड के युवा सड़क निर्माण के काम में दिन रात जुटे हैं।
बेहद विषम हालात में भी 2013 की भीषण आपदा के बाद तबाह हुई केदारपुरी को नए स्वरूप मे लाने के लिए कर्नल कोठियाल (Col. Ajay Kothiyal) के नेतृत्व में निम की टीम ने शानदार काम किया था। इसी को देखते हुए कर्नल कोठियाल को भारत सरकार ने इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की कमान सौंपी है। यह प्रोजेक्ट भारत-म्यांमार संबंधों (India-Myanmar) के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कर्नल कोठियाल के साथ उत्तराखंड के कई युवा भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में दिन-रात जुटे हुए हैं।
कर्नल कोठियाल ने इस बात की जानकारी अपने फेसबुक पर दी है। कर्नल के मुताबिक भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत म्यांमार में अंतरराष्ट्रीय रोड कंस्ट्रक्शन किया जा रहा है, जिसका नाम कालादन मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट – Kaladan Multi-Modal Transit Transport Project (KMMTTP) है। जिस इलाके में यह सड़क बनाई जा रही है, वहां म्यांमार आर्मी और अराकन आर्मी के बीच आए दिन गोलीबारी होती रहती है। इसके अलावा वहां मौसम भी बेहद खराब है। ऐसे मुश्किल हालातों में भी कर्नल कोठियाल के नेतृत्व में उनकी पूरी टीम इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटी हुई है।
यही नहीं प्रोजेक्ट के दौरान कोठियाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव रहे राकेश शर्मा का अराकन आर्मी ने अपहरण भी कर लिया था। उसके बावजूद कोठियाल ने हिम्मत नहीं हारी और वह इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटे हुए हैं। भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण इस प्रोजेक्ट से भारत-म्यांमार के संबंध बेहतर होने की उम्मीद है, जिससे चीन को कूटनीतिक झटका लग सकता है।
केदारनाथ से 10 गुना चुनौतीपूर्ण मिशन
इस प्रोजेक्ट में केदारनाथ पुनर्निर्माण से भी तकरीबन 10 गुनी ज्यादा मुश्किलें हैं।
खतरनाक जंगल, जानलेवा मलेरिया, जहरीले सांप-बिच्छू, बहुत तेज बरसात और अत्यधिक गर्मी इस इलाके के मौसम की खासियत हैं। उनके साथ हर रोज कई घटनाएं भी घटती रहती हैं। उन्होंने लिखा कि उत्तराखंड के युवा केदारनाथ पुनर्निर्माण में हमारे साथ थे और आज भी हमारे साथ हैं।
कर्नल कोठियाल ने कहा कि वह जल्द ही प्रोजेक्ट को पूरा कर वापस उत्तराखंड लौटेंगे।