सैन्यधाम का हुआ शिलान्यास, रक्षामंत्री बोले दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देता है आज का भारत
देहरादून: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देहरादून में सैन्यधाम का शिलान्यास किया। रक्षामंत्री ने शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया। उन्होंने शहीदों के आंगन की मिट्टी पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान (Rajnath singh lays foundation stone of Sainyadham in Uttarakhand) रक्षामंत्री ने कहा कि आज भारत का नेतृत्व सशक्त हाथों में है, इसलिए कोई हमारी तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत नही रखता।
गौनियाल गांव में सौन्यधाम के शिलान्यास के दौरान संबोधित करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज से चार साल पहले कहा था कि उत्तराखंड में चार धाम हैं। एक पांचवा धाम सैन्य धाम होना चाहिए। यह जो काम शुरू हुआ है, जल्दी से जल्दी पूरा होना चाहिए। उत्तराखंड वीरों की धरती है। यह शौर्य पराक्रम की भूमि है। इस दौरान राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु में हुए आमी हेलीकॉप्टर हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया और दो मिनट का मौन रखा।
रक्षामंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री की उपब्लिधों को गिनाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि 1734 शहीद परिवारों के आंगन की मिट्टी लेकर उत्तराखंड में सैन्य धाम बनेगा। शहीद वही हो सकता है, जिसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि होता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस सैन्यधाम में इतने शहीदों के आंगन की मिट्टी लाना कोई आसान काम नहीं है। जब मैं मिट्टी को यहां पुष्प अर्पित कर रहा था तो मैंने उसे अपने माथे पर लगाया। उत्तराखंड की महान परंपरा के वाहक जनरल बिपिन रावत के जाने से हमारे देश की बहुत बड़ी क्षति हुई है। यह बेहद दुखद है।
राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देशों को भी दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि पड़ोसी देश कुछ न कुछ नापाक हरकतें करता रहता है। हम दुश्मन को इस पार ही नहीं उस पार भी जाकर मार सकते हैं। पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, अब लिया जाता हैलेकिन अब कोई भी आंख उठाकर हमारी तरफ देखने की हिम्मत नही करता।
इस अवसर पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रक्षा मंत्री स्वयं एक किसान पुत्र हैं। वह सैनिकों, पूर्व सैनिकों की भावनाओं से भलीभांति परिचित हैं। उन्होंने कहा कि जनरल रावत के उत्तराखंड राज्य को लेकर बहुत सपने थे। हमारी सरकार उनके सारे सपनों के अनुरूप उनकी सभी आकांक्षाओं को पूरा करेगी। यह सैन्य धाम हमारी सरकार पूर्ण मनोयोग से बनाएगी। यह देशभर के युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करेगा। यह सैन्य धाम हमेशा वीरों का स्मरण कराएगा। सैन्य परिवार से आने के कारण उनके संघर्ष को मैं भलीभांति समझ सकता हूं।