2024-04-29

दिल्ली से उत्तराखंड आकर प्रेमी के साथ प्रेमिका चला रही थी सेक्स रैकेट, AHTC ने किया गिरफ्तार

girl conducting sex racket with her boy friend arrested in haridwar

रैबार डेस्क:  दिल्ली से हरिद्वार आकर जिस्मफरोशी का धंधा चला रहे एक प्रेमी जोड़े को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल हरिद्वार पुलिस की टीम ने रंगेहाथ पकड़ लिया। उनके साथ एक ग्राहक को भी दबोच लिया गया। युवती मूल रूप से नेपाल की निवासी हैं और दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहते आ रहे हैं। गिरफ्तार लोगों के कब्जे से बैग, आपत्तिजनक सामान, 4200 रुपये की नकदी, व दो मोबाइल फोन बरामद किए। पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया है।

एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने होटलों और अन्य स्थानों पर संदिग्ध गतिविधियां होने की शिकायतें मिलने पर मानव तस्करी निरोधक दस्ता व पुलिस टीम को चेकिंग के निर्देश दिए थे। बुधवार की रात एएचटीयू और ज्वालापुर पुलिस को सूचना मिली कि रानीपुर मोड़ के पास दिल्ली से आए एक युवक-युवती देह व्यापार करा रहे हैं। ये कपल व्हट्सएप के जरिए ग्राहकों को फोटो भेजकर डील करता था औऱ उन्हें होटल में बुलाता था। ज्वालापुर पुलिस क्षेत्राधिकारी निहारिका सेमवाल के नेतृत्व में कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा, एएचटीयू प्रभारी राकेंद्र कठैत आदि फोर्स के साथ टिबड़ी अंडरपास के पास छापा मारा। यहां पर एक ग्राहक और युवक-युवती को पकड़ लिया गया।

पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बताया, आरोपी अमन राय निवासी महिला कॉलोनी थाना गांधीनगर नई दिल्ली और डील करने आए आदिल मलिक निवासी किशन कुंज लक्ष्मी नगर दिल्ली और आनंद विहार पुरानी दिल्ली निवासी युवती को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों के पास से व्हाट्सएप चैट के साथ ही कुछ युवतियों के फोटो, मोबाइल फोन नंबर मिले हैं।

पुलिस की पूछताछ में युवती ने बताया, वह अपने प्रेमी अमन राय के साथ दिल्ली से हरिद्वार आई है। अमीर बनने के चक्कर में वह देह व्यापार के धंधे में पड़ गई। अमन के कहने पर ग्राहकों को जस्ट डायल से कालिंग और व्हाट्सएप मैसेज करती थी। आदिल मलिक को डील करने के लिए ही अंडरपास के पास बुलाया था। जहां डील के बाद तीनों निकलने वाले थे। आरोपी अमन राय ने भी इस बात को स्वीकार किया है।

कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया, आरोपी महिला और युवक दिल्ली से देह व्यापार के लिए हरिद्वार आते थे। यहां मोबाइल फोन से ग्राहकों को प्रलोभन देकर होटल में बुलाते थे। ग्राहकों से मोटी रकम लेते थे और फिर एक-दो दिन रुककर वापस चले जाते थे। फोन पर संपर्क होने पर पुन: हरिद्वार आते थे।

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