किरन नेगी केस: दिल्ली के एलजी ने पुनर्विचार याचिका को दी मंजूरी, परिजनों में जगी इंसाफ की उम्मीद
रैबार डेस्क: पहाड़ की निर्भया किरन नेगी को इंसाफ दिलाने के सामूहिक प्रयास रंग लाते दिख रहे हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में अदालत के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर करने को मंजूरी दे दी है। (delhi LG approve to file review petition in Kiran negi case) इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी किरन के माता पिता से मिलकर न्याय की लड़ाई लड़ने का भरोसा दिया था।
दरअसल 9 फऱवरी 2012 को दिल्ली के छावला में रहने वाली मूल रूप पौड़ी गढ़वाल की किरन नेगी का कुछ दरिंदों ने कार में अपहरण कर दिया था। उसके साथ गैंगरेप क बाद बर्बरता की सारी हदें पार कर दी थी। निर्भया से बी ज्यादा वीभत्स तरीके से किरन के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया था। इस मामले में लोअर कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट ने तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। दोषियों ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी, लेकिन अचानक सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों को बरी करने का फैसला सुनाया था। इस फैसले से हर कोई हैरान था। तभी से इस मामले में पूरे उत्तराखंड एवं देशभर से रिव्यु पिटिशन की मांग उठ रही है।
किरन के परिजनों, समाजसेवियों, उत्तराखंड सरकार लगातार किरन नेगी मामले में पुनर्निटार याचिका के लिए प्रयास कर रहे थे। आज दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को मंज़ूरी दे दी है। मामले में सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को नियुक्त करने को भी मंज़ूरी प्रदान की गई है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी पीड़ित परिवार से संपर्क किया, उसे मुलाकात की और किरन को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास का भरोसा दिया।