पहाड़ के इस डॉक्टर पर था स्वदेशी कोवैक्सीन उत्पादन का जिम्मा, ब्लैक फंगस ने छीनी वैक्सीन मैन की जिंदगी
रैबार डेस्क : कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन के प्रोजेक्ट हेड, रुद्रप्रयाग निवासी डॉ चंद्र वल्लभ बैंजवाल नहीं रहे। वैक्सीन मैन के नाम से मशहूर डॉ बैंजवाल (Dr. Chandra vallabh Bainjwal) का रविवार को दिल्ली के अस्पताल में निधन हुआ। वे कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस (Black Fungus) से जूझ रहे थे।
मूल रूप से उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के रहने वाले चंद्र वल्लभ बैंजवाल अब परिवार के साथ नोएडा में रहते थे। डॉ बैंजवाल पोलियो और हैजा के टीके के कई प्रोजेक्ट्स में काम कर चुके हैं। इसलिए उन्हें वैक्सीन मैन भी कहा जाता था। फिलहाल वे बुलंदशहर स्थित बिबकोल फार्मा कंपनी में सीनियर वाइस प्रेजीडेंट थे। बिबकोल ने कोरोना के स्वदेशी टीके कोवैक्सीन का उत्पादन करने का लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। डॉ बैंजवाल को कंपनी के इस प्रोजेक्ट का हेड बनाया गया था। इस कंपनी द्वारा सितंबर से कोवैक्सीन टीका उत्पादन शुरू करने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन डॉ बैंजवाल के निधन से इस मिशन को झटका लगा है। बिबकॉल पोलियो वैक्सीन का भी उत्पादन करती है।
डॉ बैंजवाल अप्रैल में कोरोना संक्रमित हुए थे। इसके बाद उन्हें ब्लैक फंगस की शिकायत हुई थी। शुरुआत में उन्हें नोयडा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था,लेकिन ब्लैक फंगस के गंभीर लक्षण होने पर दिल्ली के मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनकी आंख-नाक की सर्जरी भी चुकी थी। लेकिन रविवार को आखिरकार वो ब्लैक फंगस बीमारी से जिंदगी की जंग हार गए।