नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर 22 जून तक रोक लगाई, सरकार से पुख्ता नियमावली बनाने को कहा
रैबार डेस्क: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने चारधाम यात्रा (Nainital High court on Chardham Yatra) पर 22 जून तक रोक लगा दी है। अदालत ने सरकार से कहा है कि यात्रा शुरू करने से पहले नई एसओपी बनाई जाए व स्वास्थ्य सेवाओं के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के सम्बंध में दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई पर ये बात कही। मामले की अगली सुनवाई 23 जून को होगी।
जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चारधाम मामले में कहा कि सरकार यदि यात्रा शुरू करती है तो नीतिगत निर्णय ले और पहले मेडिकल इंतजाम करे। इस दौरान पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हाईकोर्ट में पेश हुए। मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ चारधाम यात्रा के संबंध में पेश किए गए शपथ पत्र से संतुष्ट नहीं हुई। खंडपीठ ने 22 जून तक चारधाम यात्रा की नई एसओपी जारी कर समस्त रिकाॅर्ड के साथ नया शपथपत्र पेश करने को कहा है।
न्यायालय ने चारधाम की तैयारीयों के साथ उनके द्वारा किये गए निरीक्षण के दौरान पाई गई खामियों, चारधाम यात्रा के लिए तैनात पुलिस जवानों की संख्या पर जानकारी देने को कहा है। खंडपीठ ने पूछा है कि चारधाम मार्ग को सैनिटाइज किया जाएगा या नहीं ? सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि 2020 में चारधाम में 3 लाख 10 हजार 568 श्रद्धालु दर्शन में गए थे, लेकिन इस वर्ष कोविड की दूसरी लहर काफी भयावह है। ऐसे में सरकार को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखने की जरूरत है। अब 23 जून को होगी मामले की अगली सुनवाई।
न्यायालय चारधाम के कपाट खुलने के समय कोविड 19 महामारी की गाइडलाइन का कायदे से पालन न होने पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है। कोर्ट में मामला होने की वजह से ही सोमवार को प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा खोलने को लेकर अपने कदम पीछे खींचे।