2024-04-30

जानिए! उत्तराखंड के जंगलों की आग की पुरानी तस्वीरों का सच, इस सीजन में स्थिति नियंत्रण में

देहरादून: उत्तराखंड में गर्मियां शुरू होते ही जंगल धधकने लगते हैं। वनाग्नि से हर साल अमूल्य वन संपदा का नुकसान होता है। लेकिन आजकल सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के जंगलों की आग की कुछ भयावह तस्वीरें वायरल हो रही हैं। ऐसी तस्वीरें 2016 की भीषण वनाग्नि के दौरान देखने को मिली थी। इन तस्वीरों में दावा किया जा रहा है कि कोरोना संकट के बीच जंगलों की आग पर न सरकार का ध्यान जा रहा है, न वन विभाग का और न ही मीडिया इसे दिखा रहा है। कुछ लोग इन तस्वीरों को दिखाकर ये भी कह रहे हैं, ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में पिछले साल लगी आग पर सब आंसू बहा रहे थे लेकिन इन तस्वीरों पर चुप क्यों हैं।

लेकिन उत्तराखंड रैबार के पास जो जानकारी आई है उससे इन तस्वीरों में किए जा रहे दावे की पोल खुल जाती है। दरअसल वन विभाग फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (FSI) के सेटेलाइट से जंगलों की आग पर कड़ी निगरानी रखता है। इसी के आधार पर जगलों में आग बुझाने के प्रयास किए जाते हैं। लेकिन 26 मई 2020 की शाम 4 बजे, एफएसआई का जो नक्शा जारी हुआ है, वो नक्शा वायरल तस्वीरों में किए गए दावे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाता। कुछ स्पॉट पर जरूर आग दिख रही है, पर वो सब नियंत्रण में है।

कुमाऊं के वेस्टर्न सर्किल के फॉरेस्ट कंजर्वेटर डॉ. पी एम धकाते ने अपने फेसबुक पेज पर 26 मई की शाम को जारी किया गया नक्शा पोस्ट किया है। डॉ. धकाते भी ये मानते है कि  वनाग्नि की जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, वो पुरानी हैं। नक्शे में वनाग्नि के स्पॉट को लाल रंग से चिन्हित किया गया है, जोकि बहुत कम दिख रह हैं। इससे साफ है कि इस बार वनाग्नि पर नियंत्रण पाने में विभाग अभी तक सफल रहा है।

आग की जैसी भयावह स्थिति वायरल तस्वीरों में बताई जा रही है वो बिल्कुल झूठी है। जब हमने इन तस्वीरों का सच जानने की कोशिश की तो ये भी पता चला कि अधिकतर तस्वीरें 2016 की वनाग्नि की हैं। गूगल सर्च में इन तस्वीरों की हकीकत पता चल रही है। वायरल की जा रही एक तस्वीर तो दक्षिण अमेरिकी देश चिली के जंगलों 2017 में लगी आग की है।

उत्तराखंड रैबार आपसे विनती करता है कि इस समय सभी लोग मिलकर कोरोना के संकट से लड़ रहे हैं, ऐसे में वनाग्नि की झूठी तस्वीरों को वायरल करना इस लड़ाई के आड़े आ सकता है। आपसे अनुरोध है कृपया अफवाह न फैलाएं।

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