कुंभ में फर्जी टेस्टिंग का मामला,SIT जांच के साथ 5 लैब्स पर FIR के आदेश
रैबार डेस्क: हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोविड-19 की फर्जी टेस्टिंग (fake testing in haridwar mahakumbh) के मामले में उत्तराखंड सरकार ने सख्ती बरती है। सरकार ने मामले की एसआईटी जांच के आदेश के साथ दिल्ली व हरियाणा की पांच लैब पर FIR दर्ज (FIR on 5 labs) कराने का आदेश दिया है।
मामले ने तूल पकड़ा तो राज्य सरकार हरकत में आई। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि हरिद्वार जिला प्रशासन को कुंभ मेले में कोविड परीक्षण करने वाले हरियाणा व दिल्ली के लैब्स पर FIR के लिए आदेश दिया गया है। सरकार ने इस मामले की एसआईटी जांच के भी आदेश दिए हैं। जिन लैब पर एफआईआर हुई है, उन्होंने पांच जगहों पर फर्जी टेस्टिंग रिपोर्ट जारी की थी।
अप्रैल में आयोजित महाकुंभ के दौरान महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य किया गया था। इसके लिए जगह-जगह कोविड-19 टेस्ट कैंप लगाए गए थे। कुंभ में लाखों श्रद्धालु पहुंचे थे। इतनी बड़ी तादात में सफल टेस्टिंग पर भी शंकाएं जाहिर की जा रही थी। सरकारी लैब के अलावा 24 प्राइवेट लैब्स को भी कुंभ में बड़े स्तर पर रैंडम टेस्टिंग के लिए जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन इस बीच खुलासा हुआ था कि कुंभ में प्रवेश के लिए करीब एक लाख लोगों की फर्जी रिपोर्ट बनाई गई थी। हजारों रिपोर्ट एक ही फोन नम्बर व पते पर दर्ज की गई थी। लेकिन अब पता चला है कि प्राइवेट लैब्स ने बड़े पैमाने पर फर्जी टेस्ट रिपोर्ट जारी किए।
यह खुलासा पंजाब के रहने वाले एक व्यक्ति ने किया। आईसीएमआर को लिखे पत्र में शख्स ने बताया कि वह कुंभ के दौरान अपने घर पर रहा। लेकिन मैसेज आया है कि कोरोना टेस्टिंग के लिए उसका सैंपल लिया गया है। व्यक्ति ने आईसीएमआर को शिकायत कर बताया कि उसके आधार और मोबाइल नंबर का फेक टेस्ट के लिए गलत इस्तेमाल किया गया है। आईसीएमआर ने उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग के एक सीनियर अफसर को जांच की जिम्मेदारी दी। अफसर ने टेस्टिंग रिपोर्ट्स की जांच की तो फर्जी टेस्ट रिपोर्ट का मामला सामने आया। इसके बाद जांच कमेटी गठित की गई।