पंचतत्व में विलीन हुए जनरल बिपिन रावत, बेटियों ने दी मुखाग्नि, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
रैबार डेस्क:देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत पंचतत्व में विलीन हो गए। शाम 5
बजे के करीब दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर श्मशान घाट पर सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया (Funeral of general bipin rawat, thousands bid farewell ) गया। जनरल बीपिन रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई, उनकी दोनों बेटियों ने मुखाग्नि देकर माता पिता के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया निभाई। इस दौरान रक्षामन्त्री राजनाथ सिंह, आर्मी चीफ एम एम नरवणे, फ्रांस के राजदूत, ब्रिटेन के उच्चायुक्त आदि ने बरार स्क्वायर पर जनरल को अन्तिम सलामी दी।
जनरल रावत को अंतिम विदाई देने भारी जनसैलाब उमड़ा। रक्षा विभाग के अधिकारियों, सेना के जवानों के अलावा आम लोगों में भी जनरल के अंतिम दर्शन की उत्सुकता रही। जनरल की अंतिम विदाई पर हर आंख नम हो गई। दोपहर को बरार स्क्वायर पर ही ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर का भी अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर सुबह उनके कामराज मार्ग स्थित आवास पर पहुंचा।जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने वालो का तांता लगा रहा। जनरल बिपिन रावत के अंतिम दर्शन के दौरान श्रीलंका, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश की सेनाओं के कमांडर भी पहुंचे।
रक्षामन्त्री राजनाथ सिंह, तीनों सेनाओं के कई कमांडर, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, योगी आदित्यनाथ, एनएसए अजित डोभाल, उत्तराखंड सीएम पुष्कर धामी, कांग्रेस नेता हरीश सिंह रावत, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बाजपेई समेत कई लोग उनके घर पहुंचे। सभी ने उन्हें व उनकी पत्नी मधुलिका रावत के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
जनरल रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास से बरार स्क्वायर के ले जाया गया। करीब 12 किलोमीटर लंबी इस अंतिम यात्रा में हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोग शव वाहन के पीछे दौड़ रहे थे। जब तक सूरज चांद रहेगा,जनरल तेरा नाम रहेगा के नारों के साथ अपने जनरल को आखिरी सलामी दी रहे थे। उनकी पार्थिव देह करीब 3.45 बजे बरार स्क्वायर के श्मशान घाट पहुंची जिसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया हुई।