चमोली हादसा: जिंदगी बचाने की जद्दोजहद जारी, टनल की हो रही जियो सर्जिकल स्कैनिंग, 32 शव बरामद
चमोली: रैणी तपोवन क्षेत्र में आई भीषण आपदा (Chamoli Disaster) को बीते आज चौथा दिन है। इस बीच तपोवन टनल (Tapovan Tunnel) में फंसी 35 जिंदगियों को बचाने के लिए बचाव एजेंसियों की कोशिशें जारी हैं। SDRF के साथ सेना, नौसेना, आईटीबीपी एडीआरएफ की टीमें डॉग स्क्वॉयड के साथ ड्रोन की मदद से ऑपरेशन को अंजाम दे रही हैं। नौसेना के कमांडो भी मौके पर पहुंच गए हैं। अभी भी 172 लोग लापता हैं। 32 शव अभी तक बरामद किए गए हैं।
जिंदगी बचाने की जद्दोजहद जारी
तपोवन टनल में लोगों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। आइटीबीपी के 450 जवान एनडीआरएफ की पांच टीमें, सेना की आठ टीम और वायु सेना के पांच हेलीकॉप्टर मोर्चे पर डटे हुए हैं। टीम लगातार मलबा हटाकर फंसे हुए लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, लेकिन मलबा ज्यादा होने के कारण उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। टी-प्वाइंट पर फंसे व्यक्तियों को बचाने को अब वैकल्पिक रास्ते पर विचार किया जा रहा है। अभी तक बचाव एजेंसियों को 180 मीटर रास्ता साफ करने में कामयाबी मिली है, लेकिन टनल से लगातार रिसता मलबा औऱ कीचड़ बाधा उत्पन्न कर रहा है। इस बीच मरीन कमांडो का दस्ता भी घटनास्थलव पर मौजूद है। सीएम त्रिवेंद्र इस पूरे मिशन पर नजर रखे हुए हैं।
तकनीक की मदद ले रहा एसडीआरएफ
सर्चिंग में गति लाने के लिए SDRF के द्वारा ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक में ड्रोन और हॉलिकॉप्टर के जरिए ब्लॉक टनल की जियो सर्जिकल स्कैनिंग कराई जा रही है। जिसमें रिमोट सेंसिंग के जरिए टनल की ज्योग्राफिकल मैपिंग कराई जाएगी और टनल के अंदर मलबे की स्थिति के अलावा और भी कई तरह की जानकारियां स्पष्ट हो पाएंगे। इसके अलावा थर्मल स्कैनिंग या फिर लेजर स्कैनिंग के विकल्पों को भी तलाश जा रहा है।
उत्तराखंड स्थित ड्रोन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर और SWAN के जरिए तपोवन में ब्लॉक टनल के अंदर फंसे कर्मचारियों के होने की कुछ जानकारियां भी एसडीआरएफ को मिल पाएगी ,इसमें कई तकनीकों के जरिए चमोली तपोवन में ब्लॉक टनल के अंदर पहुंचने का काम किया जा रहा है तो वही डाटा कलेक्शन के लिए ड्रोन और हॉलिकॉप्टर के माध्यम से कई एजेंसियों को अलग-अलग तकनीकों के माध्यम से अंदर की जानकारियां कलेक्ट करने की जिम्मेदारी दी गई है वर्तमान में साइंटिस्ट मैंपिंग से प्राप्त डिजिटल संदेशों को पढ़ने ओर समझने की कोशिश कर रहे हैं ।