अंकिता हत्याकांड: CBI जांच की मांग पर हाईकोर्ट ने अंकिता के माता पिता को बनाया पक्षकार, SIT की स्टेटस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं कोर्ट
रैबार डेस्क:Ankita Bhandari Murder Case की सीबीआई जांच की मांग को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने अंकिता के माता पिता को भी पक्षकार बना दिया। कोर्ट में एसआईटी ने गुरुवार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। माना जा रहा है कि मामले की जांच कर रही एसआईटी के जबाव से हाईकोर्ट सन्तुष्ट नहीं है। High court makes anlkita’s parents a party in PIL denading CBI enquiry हालांकि कोर्ट में केस की जांच की गंभीरता के बजाए क्राउड फंडिंग के मुद्दे पर ज्यादा बहस हुई।
दरअसल पौड़ी निवासी पत्रकार आशुतोष नेगी ने एसआईटी की जांच पर सवाल उठाते हुए अंकिता हत्याकांड कीजांच सीबीआई से कराने को लेकर याचिका दायर की थी। कोर्ट ने एसआईटी से इस केस की स्टेटस रिपोर्ट और केस डायरी तलब की थी। एसआईटी ने गुरुवार को कोर्ट मे स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान वरिष्ठ जज संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने मृतका अंकिता के माता पिता सोनी देवी व बीरेंद्र सिंह भंडारी को भी पक्षकार बनाते हुए पूछा है कि उन्हें एसआईटी जांच पर संदेह क्यों है? कोर्ट ने उनसे अपना विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
सुनवाई के दौरान एसआईटी द्वारा दिए गए स्टेटस रिपोर्ट पर कोर्ट ने जांच अधिकारी से इस मामले की जांच के दौरान फॉरेंसिक साक्ष्यों की बाबत जानकारी ली तो जाँच अधिकारी कोर्ट को सन्तुष्ट नहीं कर पाए। उनके द्वारा केवल इतना ही कहा गया कि कमरे को ध्वस्त करने से पहले सारी फोटोग्राफी की गई है। मृतका के कमरे से एक बैग के अलावा कुछ नहीं मिला।
इस मामले में एसआईटी की ओर से याचिकाकर्ता पर अंकिता हत्याकांड में क्राउड फंडिंग का आरोप लगाने के साथ ही याचिकाकर्ता पर पत्रकारिता से जुड़े कुछ मामलों का जिक्र करते हुए याचिकाकर्ता को संदिग्ध साबित करने की भी चेष्टा की गई। जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट के सामने क्राउड फंडिंग व याचिकाकर्ता पर चल रहे मुकदमों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मृतका के परिवार व केस में मदद के लिए की गई उनकी अपील पर कुल 49 हजार रुपए इस मद में इकट्ठा हुए थे, जिसमें 1 हजार रुपए और मिलाकर 50 हजार का चेक मृतका के पिता को सौंपा जा चुका है।
कोर्ट ने जब अंकिता के माता पिता को पक्षकार बनाया तो उन्होंने एसआईटी पर इस मामले की जाँच में लापरवाही बरतने का इल्जाम लगाते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराये जाने की मांग की है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को एसआईटी के जवाब पर अपना जवाब देने के लिए समय देते हुए इस मामले की अगली सुनवाई 18 नवम्बर को तय की है।