2024-04-28

असम से गिरफ्तार आईएस के इंडियन चीफ का उत्तराखंड कनेक्शन, यूनानी डॉक्टर का बेटा बना आतंकी

रैबार डेस्क: असम पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। पुलिस ने आईएसआईएस के इंडियन चीफ हारिस फारुखी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद फारुखी का उत्तराखंड कनेक्शन भी सामने आया है। फारुखी देहरादून के चकराता का रहने वाला है। उसका नाम हारिस है और वह असम में हरीश बनकर रह रहा था। हारिस का उत्तराखंड कनेक्शन सामने आने के बाद प्रदेश की पुलिस भी अलर्ट हो गई है और अपने स्तर पर भी देहरादून छानबीन शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक असम पुलिस ने आईएसआईएस के इंडियन चीफ हारिस फारूकी को धुबरी में उसके साथी अनुराग सिंह के साथ गिरफ्तार किया है। दोनों सीमा पार कर बांग्लादेश से भारत में घुसे थे। पूछताछ में पता चला कि हारिस फारूकी देहरादून का रहने वाला है। उसका परिवार पिछले करीब 20 सालों से देहरादून के डालनवाला कोतवाली क्षेत्र में रहता है। फारूकी के पिता देहरादून में ही यूनानी दवाखाना चलाते हैं।

स्थानीय इंटेलिजेंस और पुलिस के अनुसार फारूकी पिछले 10-12 साल से देहरादून नहीं आया है। फारूकी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है, लेकिन विश्वविद्यालय से निकलने के बाद वो कभी अपने परिवार के पास देहरादून नहीं आया। हारिस फारूकी और उससे साथी आतंकवादी अनुराग सिंह ने भारत में ही आतंक की ट्रेनिंग ली है। हारिस फारुखी का सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान भी पुलिस के हाथ चढ़ा है। वह पानीपत का रहने वाला है। अनुराग सिंह ने इस्लाम धर्म अपना लिया था और उसकी पत्नी बांग्लादेश की नागरिक है।

दोनों पर आरोप है कि वो आतंकी फंडिंग जुटाने के साथ ही आतंकी साजिशों पर काम करते थे। इसके अलावा ये दोनों युवाओं को गुमराह कर उन्हें अपने संगठन में भर्ती करने का भी प्रयास करते थे। दोनों आतंकियों के खिलाफ दिल्ली और लखनऊ में कई मुकदमें लंबित हैं।

बताया जा रहा है कि एसटीएफ लंबे समय से हारिस के पिता के संपर्क में थी और उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था। फिर भी कोई इनपुट नहीं मिला। खुफिया एजेंसियां उसके परिवार पर लंबे समय से नजर रखे हुईं थीं। एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया कि हारिस फारूकी पिछले 10 से 12 सालों से देहरादून नहीं आया है। गलत गतिविधियों के चलते हारिस फारूकी का परिवार के किसी भी सदस्य से संपर्क नहीं था। इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के बाद पुलिस ने इस मामले में जांच की थी, जिसमें यह सामने आया कि हारिस फारूकी अपने किसी भी परिजन के संपर्क में नहीं है और न ही वह पिछले 12 सालों में देहरादून आया है।

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