चमोली में बादल फटा, सड़क निर्माण में लगे जूनियर इंजीनियर की मौत, 5 अन्य घायल
चमोली: उत्तराखंड में आसमानी आफत थमने का नाम नही ले रही है। मानसूनी बारिश पहाड़ से लेकर मैदान तक कहर बरपा रही है। मंगलवार को चमोली जिले की पोखरी तहसील के ताली अंसारी गांव में आज तड़के बादल फट गया। जिसकी चपेट में आने सड़क बना रहे एक जूनियर इंजीनियर की मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार ताली अंसारी गांव में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था। सड़क बनाने के काम में लगे मजजूर और जेई स्थानीय पंचायत घर में रह रहे थे। आज तड़के करीब साढ़े तीन बजे भारी बारिश के साथ बादल फट गया जिससे बडी तादात में मलबा पंचायत भवन के ऊपर आ गिरा।
भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मलबे में दबने से सड़क निर्माण मे लगे एक कंपनी के जूनियर इंजीनियर मयंक सेमवाल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पोकलेंड मशीन ऑपरेटर जयपाल सिंह, जेसीबी ऑपरेटर अनिल सिंह, मजदूर रमेश घायल हो गए। इसके अलावा दो अन्य लोगों को भी चोटें आईं हैं।
पंचायत घर की प्रथम तल भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ है। ग्राम प्रधान रविंद्र सिंह ने बताया कि घटना के बाद स्थानीय निवासियों ने राहत बचाव कार्य कर घायलों को चिकित्सालय पहुंचाया।
चारधाम यात्रा मार्ग बंद
भारी बारिश के बाद जगह जगह भूस्खलन और मलबा आने से ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग नरेंद्रनगर में बंद है। चमोली में गौचर के पास बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी चट्टान दरकन से बंद हो गया है। रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड के पास बंद केदारनाथ हाईवे नौवें दिन भी नहीं खुला। उत्तरकाशी में यमुनोत्री राजमार्ग कुथनौर में बोल्डर गिरने से बंद हो गया है। कोटद्वार में मार्ग अवरुद्ध होने के कारण कोटद्वार-त्रिपालीसैंण बस सेवा बाधित हो गई है। ऑलवेदर कटिंग कार्य शुरू होने के बाद गौचर आइटीबीपी परिसर के समीप पहाड़ी का भूस्खलन आवाजाही के लिए नासूर बन गया है।
कुमाऊं मंडल में भी टनकपुर में मूसलधार बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। बागेश्वर में बारिश और मलबा आने से 12 सड़कें बंद हैं। पिथौरागढ़ में जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग 29 दिनों से बंद है। कुल मिलाकर प्रदेश में करीब 160 संपर्क मार्ग भूस्खलन के कारण बाधित हैं।