2024-05-02

#JusticeForKiran: किरन नेगी के परिजनों ने CM त्रिवेंद्र से की मुलाकात, सीएम ने दिया पूरी मदद का भरोसा

kiran negi parents met CM

रैबार डेस्क: साल 2012 में दिल्ली के नजफगढ़ में दरिंदगी का शिकार हुई पहाड़ की बेटी किरन नेगी (Kiran Negi) के माता पिता ने आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) से मुलाकात की। इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने भरोसा दिया कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई तेज करने में सरकार की ओर से हरसंभव मदद की जाएगी।


सीएम ने कहा कि किरन के साथ जो हुआ वो हैवानियत की हदें पार करने वाला था। ऐसे दरिंदों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। सजा बिना देरी किए मिलनी चाहिए। सीएम ने कहा कि कोर्ट में लंबित मामले की सुनवाई तेज करने के लिए राज्य सरकार से जो भी संभव होगा वो किया जाएगा। सरकार किरन के परिजनों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी।


गौरतलब है कि 9 फरवरी 2012 को दिल्ली के नजफगढ़-छावला में रहने वाली किरण नेगी जब जॉब करके घर लौट रही थी तो, कुछ दरिंदों ने उससे छेड़खानी शुरू कर दी।य़ विरोध करने पर दरिंदों ने किरन को किडनैप कर लिया औऱ तीन दिन तक कार में वीभत्स तरीके से गैंगरेप करते रहे। गैंगरेप के बाद किरन की आँखों, कानों में तेज़ाब डालकर हैवानियत की सारी हदें पार की गई। किरन के प्राइवेट पार्ट को भी लोहे की रॉड और कांच की बोतलों से नुकसान पहुंचाया गया। वहशियों का इससे भी मन नहीं भरा तो किरन का गला घोंटकर उसे हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया।


इस घटना के बाद दिल्ली में भूचाल सा आ गया था। पहाड़ की बेटी के साथ हुए इस बर्बर घटनाक्रम की सभी ने एक स्वर में निंदा की थी। इस वीभत्स घटना पर उत्तराखंड समाज एकजुट हुआ, सड़कों पर उतरा और जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई। द्वारका कोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी।


घटना के 8 साल बीत जाने के बाद भी किरन को न्याय नहीं मिल सका है। आलम ये है कि सुप्रीम कोर्ट से इस मसले पर नियमित सुनवाई भी नहीं हो रही। किरन के परिवार को तो ये भी नहीं पता कि अगली तारीख कब है। इसी कारण किरन को इंसाफ दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर भी मुहिम चलाई जा रही है। इसी कड़ी में आज किरन के परिजनों ने सीएम से मुलाकात की, जिसमें सीएम ने उन्हें हर तरह से मदद देने का भरोसा दिया।

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