मैथिली ठाकुर ने गाया गढ़वाली मांगल गीत, दे द्यावा बाबाजी…सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा वायरल
रैबार डेस्क: लोक गायिका मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) का गाया गढ़वाली मांगल गीत (Garhwali Mangal Geet) सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है। कुछ दिन पहले मैथिली ने कुमाउंनी संस्कृति का सुवाल पथाई लोकगीत गाकर सुर्खियां बटोरी थी, अब एक बार फिर से गढ़वाली मांगल गीत गाकर उत्तराखंड के फैंस का दिल जीता है। उनके इस गीत को उत्तराखंड में लाखों लोग अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।
छोटी सी उम्र में लोक संगीत में डंका बजा चुकी बिहार की उभरती गायिका मैथिली ठाकुर किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। मैथिली सिर्फ भोजपुरी या मैथिली ही नहीं बल्कि कमोबेश सभी राज्यों के आंचलिक लोकगीतों को अपनी आवाज देती हैं। कुछ दिन पहले जब मैथिली ने उत्तराखंड के कुमाऊं अंचल में शादी के समय गाये जाने वाले सुआल पथाई गीत को गाया था तो उत्तराखंड के लोगों ने उन पर भऱपूर प्यार लुटाया था। अब एक बार पिर मैथिली ने गढ़वाली मांगल गीत गाकर उत्तराखंड का दिल जीता है। दरअसल मैथिली ठाकुर ने गढ़वाली मांगल गीत गाया है। यह मांगल गीत शादी विवाह के अवसर पर गाया जाता है। जब दुल्हन को हल्दी की रस्म होती है तो दुल्हन की ओर से अपने माता पिता, भाई, आदि रिश्तेदारों से कहती है कि , आप लोग कन्यादान करने जा रहे हो, आप लोग मेरी विदाई पर बिल्कुल भी दुखी मत होना, कन्यादान करके आप लोग विश्व के सबसे बड़े पुण्य के भागी बन जाओगे।
आप भी सुनें, मैथिली का गाया यह गढ़वाली मांगल गीत…
मैथिली के इस गीत को सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। उनके फेसबुक पेज पर मात्र 19 घंटे में इस गीत को 5 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं। उनके यू ट्यूब पर इस गत को 45 हजार बार देखा जा चुका है। यही नहीं उत्तराखंड से संसंबधित हजारों फेसबुक पेज, अकाउंट्स पर औऱ ट्विटर पर भी इसे खूब शेयर किया जा रहा है।
कौन हैं मैथिली ठाकुर
मैथिली ठाकुर उभरती गायिका हैं, जो अधिकतर क्षेत्रीय भाषाओं व बोलियों के लोकगीत गाती हैं। मैथिली राइजिंग स्टार सिंगिंग शो करोड़ों भारतीयों के दिल में जगह बना चुकी थी। मैथिली का जन्म साल 2000 में बिहार के मधुबनी जिले में हुआ था। संगीत की शौकीन मैथिली ठाकुर ने सबसे पहले जी टीवी में प्रसारित होने वाले लिटिल चैंप्स रियलिटी शो में प्रतिभाग किया था। जिसके बाद उन्होंने इंडियन आइडल जूनियर में प्रतिभाग किया। खास बात है मैथिली के पिता ने अपनी बेटी और दो अन्य बेटों को संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए खुलकर मदद की है। मैथिली के भाई अयाची ठाकुर और ऋषभ ठाकुर भी उनेक साथ तबले, हारमोनियम और अन्य वाद्य यंत्रों पर संगत करते हैं।