चारधाम यात्रियों को अब ई-पास की जरूरत नहीं, स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन पर्याप्त
रैबार डेस्क: मंगलवार का दिन चारधाम यात्रियों के लिए बड़ी राहत भरा रहा। सुबह हाईकोर्ट ने श्रद्धालुओं की सीमित संख्या पर लगी पाबंदी हटाई तो शाम को सरकार ने नई (new SOP issued, no e-paas required for chardham yatra) एसओपी जारी करके ई पास की व्यवस्था खत्म कर दी।
नई एसओपी के मुताबिक चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को ई-पास की जरूरत नहीं होगी। बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों को केवल देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। जबकि उत्तराखंड के निवासियों को यात्रा पर जाने के लिए स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण की जरूरत नहीं
सभी तीर्थयात्रियों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगने के 15 दिन बाद का प्रमाण पत्र दिखाने पर चारधाम यात्रा की अनुमति मिलेगी। अगर किसी यात्री ने एक डोज लगवाई है या कोई डोज नहीं लगवाई है तो उन्हें 72 घंटे के भीतर की आरटीपीसीआर कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही दर्शन की अनुमति मिलेगा। एसओपी में यह भी साफ किया गया है कि भले ही यात्रियों की बंदिश हाईकोर्ट ने हटा दी हो लेकिन धामों की कोविड वहन क्षमता के तहत ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी। इसमें सामाजिक दूरी छह फीट के मानदंडों का पालन अनिवार्य होगा।
एसओपी के मुख्य बिंदु
- बाहर से आने वाले सभी श्रद्धालुओं को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर केवल रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। ई पास की बाध्यता नहीं होगी।
- बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।
- केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं को मात्र दर्शन या प्रदक्षिणा की अनुमति होगी। शिवलिंग में जलाभिषेक एवं घी लेपन आदि पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।
- सभामंडप में किसी को भी बैठने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई यात्री या श्रद्धालु विशेष पूजा कराना चाहते हैं तो आचार्यगणों, वेदपाठी, पुजारी उनकी पूजा कराएंगे। लेकिन ऐसे श्रद्धालु भी मात्र दर्शन (धर्म दर्शन) निर्धारित समय तक ही कर सकेंगे।
- तीर्थयात्रियों को बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए निशुल्क टोकन लेना होगा, जो देवस्थानम बोर्ड की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। वीआईपी या तत्काल दर्शन के लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे।
- निशुल्क दर्शन टोकन लेने के लिए सभी काउंटरों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। दर्शन से पहले यह टोकन लेना अनिवार्य है।
- श्रद्धालुओं को दर्शन टोकन में अंकित समय पर दर्शन लाइन में दर्शन के लिए मंदिर परिसर में निर्धारित लाइन में खड़ा होना होगा।
- प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु रहित करने हेतु एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग होगा। थर्मल स्क्रीनिंग से जांच भी की जाएगी।
- जांच के दौरान कोविड के लक्षण होने पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- कोविड प्रोटोकॉल बिहैवियर का पालन करना होगा।
- सभी श्रद्धालुओं को धर्म दर्शन के लिए अत्यंत सीमित समय दिया जाएगा।
- मूर्तियों, घंटियों, प्रतिरूपों, ग्रन्थों, पुस्तकों को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी।
- देवस्थानम परिसर में किसी भी प्रकार का प्रसाद वितरण टीका लगाने आदि की अनुमति नहीं होगी।