सोशल मीडिया पर देशविरोधी टिप्पणी की तो होगी मुश्किल, ट्विटर पर ट्रेंड हुआ सैल्यूट डीजीपी अशोक कुमार
रैबार डेस्क: उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ( DGP Ashok Kumar) ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे हैं। #SaluteToDGPAshokKumar भारत में ट्विटर पर टॉप 5 ट्रेंड्स मे शामिल हो चुका है। इसके पीछे उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) का वो बयान है जिससे देश विरोधी मानसिकता रखने वालों को तगड़ा झटका लग सकता है।
दरअसल बुधवार को उत्तराखड के डीजीपी अशोक कुमार ने एक बयान दिया था। जिससे देश के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी करने वालों के लिए सख्त चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। डीजीपी ने कहा था कि उत्तराखंड पुलिस पासपोर्ट के लिए वेरिफिकेशन और शस्त्र लाइसेंस में सत्यापन के समय सोशल मीडिया पर भी व्यक्ति का रिकॉर्ड खंगालेगी।
डीजीपी ने कहा कि अगर कोई पासपोर्ट या शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करता है तो उसकी सोशल मीडिया अकाउंट की रिपोर्ट भी दी जाएगी। इससे पहले सिर्फ दर्ज मुकदमों की जानकारी दी जाती थी। अगर आवेदक के सोशल मीडिया अकाउंट्स से कोई भी देशविरोधी पोस्ट या टिप्पणी की गई है तो उसकी निगेटिव रिपोर्ट लगाकर उसके आवेदन को रद्द करने की सिफारिश की जाएगी। इसको लेकर राज्य के सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। यानि किसी ने अगर बिना सोचे समझे भारत की अखंडता और संप्रुभता के खिलाफ कुछ भी अनर्गल लिखा तो उसका पासपोर्ट आवेदन निरस्त हो सकता है।
आमतौर पर सोशल मीडिया पर ऐंटी नैशनल पोस्ट करने पर आईटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है, लेकिन उत्तराखंड पुलिस की यह अपने आप में एक अनूठी पहल है। जिसका सीधा संदेश है कि अगर देश के खिलाफ कोई सोशल मीडिया पर कुछ लिखता है तो उसको यह बहुत भारी पड़ेगा। डीजीपी का यह बयान ट्विटर पर सुर्खियां बटोरने लगा। लोग उनके समर्थन में #SaluteToDGPAshokKumar हैशटैग के साखथ ट्वीट करने लगे। गुरुवार शाम तक इस हैशटैग के साथ करीब 46 हजार से ज्यादा ट्वीट्स हो चुके हैं। यह टॉप ट्रेंड्स में पांचवे नंबर पर आ गया है।
हालांकि कुछ लोगों ने इस बयान को अतिवादी भी बताया जिसके बाद ड़ीजीपी ने सफाई दी कि पासपोर्ट सेवा के नियमों के तहत ही किया जा रहा है। डीजीपी अशोक कुमार ने आज अपेन बयान में कहा है कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि हमने पहले से बने नियम का अनुपालन करवाना सुनिश्चित किया है। इस नियम का उल्लेख पहले से प्रदत्त जाँच फॉर्म में है। पासपोर्ट बनने सम्बन्धी जाँच प्रक्रिया के दौरान कोई गतिविधि राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता के ख़िलाफ़ पायी जाती है तो उस व्यक्ति का सत्यापन नहीं किया जाएगा।