बिना मान्यता के चल रहा पौड़ी का नामी कॉन्वेंट स्कूल, स्कूल पर 1 लाख का जुर्माना,औचक निरीक्षण में मिली गड़बडियां
पौड़ी: पहाड़ में समाजसेवा के मिसन के नाम से खुले मिशनरी और कॉन्वेंट स्कूल नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पौड़ी जिले के एक ऐसे ही नामी स्कूल पर प्रशासन की गाज गिरी है। पौड़ी के सेंट थॉमस कॉन्वेंट स्कूल पर बिना (Pauri convent school fined Rs 1 Lac for Not following RTE act) मान्यता के कक्षाएं संचालित करने पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दी गई है।
दरअसल मंगलवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी आनन्द भारद्वाज ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल में कई खामियां मिली। आरटीई एक्ट-2009 के अन्तर्गत स्कूल को कक्षा एक से आठवीं तक क्लास चलाने की मान्यता नहीं मिली है, फिर भी यहां कई साल से कक्षाएं चल रही हैं। आरटीई एक्ट-2009 के तहत सभी स्कूलों को नये सिरे से मान्यता लेना अनिवार्य है, लेकिन सेंट थॉमस स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहा है।
बिना मान्यता स्कूल चलाने के जुर्म में स्कूल पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर प्रतिदिन 10 हजार रुपए आर्थिक दंड का भी प्रावधान किया गया है। अघर स्कूल प्रबंधन फिर भी नहीं माना तो विभाग ने एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी भी दी है।
अल्पसंख्यक की आड़ में मौज
राष्ट्रीय बाल अधिकार व संरक्षण आयोग के मुताबिक देश में ऐसे सैकड़ों कॉन्वेंट या मिशनरी स्कूलों के साथ मुस्लिम मदरसे चल रहे हैं। इनको आरटीई एक्ट के दायरे से बाहर रख गया है। एक्ट से बाहर रखने वक्त ये दावा किया गया, चूंकि ये अल्पसंख्यकों के लिए हैं इसलिए एक्ट के दायरे से बाहर रहेंगे। लेकिन सच्चाई ये है कि खासतौर से मिसनरी औऱ कॉन्वेंट स्कूलों में बहुसंख्यक वर्ग के छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा होती है। इन स्कूलों की फीस भी सरकारी और अन्य प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले कई गुना ज्यादा होती है। फिर भी ऐसे स्कूल नियमों में बंधकर नहीं रहते।