स्वामित्व योजना: PM ने बांटे प्रॉपर्टी कार्ड, पौड़ी के सुरेश चंद से की बात, उत्तराखंड की तारीफ की
स्वामित्व योजना में बंटे प्रॉपर्टी कार्ड। जमीनों की मैपिंग से डिजीटलीकरण।
उत्तराखण्ड के भू स्वामी से की बात। भू मालिकों को कई फायदे।
रैबार डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) ने स्वामित्व योजना (Swamitva scheme) की औपचारिक शुरुआत कर दी है। इस योजना के तहत इसके जमीन मालिकों को संपत्ति कार्ड (Property Cards) का वितरण शुरू हो गया है। उत्तराखंड में भी पौड़ी और ऊधमसिंह नगर के 6804 भू-मालिकों को ये कार्ड वितरित किए गए। इसका सीधा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में होगा, ग्रामीण अब भू-संपत्ति का वित्तीय संपत्ति के तौर पर उपयोग कर सकेंगे। यह योजना ग्रामीण भारत को बदलने में अहम होगी।
प्रधानमंत्री ने आज लगभग एक लाख संपत्ति धारकों को संपत्ति कार्ड वितरित किए। जमीन मालिक अपने मोबाइल फोन पर आए एसएमएस लिंक के जरिए अपना संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद संबंधित राज्य सरकारों द्वारा संपत्ति कार्ड का भौतिक वितरण किया जाएगा।
उत्तराखंड समेत देश के छह राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत चल रही स्वामित्व योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के भू मालिकों को सम्पदा कार्ड वितरित किए। पौड़ी और ऊधमसिंहनगर जिलों के 50 गांवों के 6804 व्यक्तियों को यह कार्ड वितरित किए गए। प्रधानमंत्री ने लाइव सम्बोधन के दौरान पौड़ी के ख़िरसू निवासी सुरेश चंद से भी बात की। पीएम ने उत्तराखण्ड की सुंदरता की तारीफ करते हुए कई सुझाव भी दिए।
क्या है ‘स्वामित्व’ योजना
स्वामित्व योजना राष्ट्रीय पंचायती दिवस पर 24 अप्रैल को लॉन्च की गई थी। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन्स के जरिए जमीन का सर्वे किया जा रहा है, जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल किया जा रहा है। योजना का मकसद है कि ग्रामीण इलाकों की जमीनों का सीमांकन ड्रोन सर्वे टेक्नोलॉजी के जरिए हो। इससे ग्रामीण इलाकों मे मौजूद घरों के मालिकों के मालिकाना हक का एक रिकॉर्ड बनेगा। ग्रामीण जमीन के इस रिकॉर्ड के आधार पर बैंकों से कर्ज ले सकेंगे। साथ ही अन्य कार्यों में भी इस रिकॉर्ड का एक दस्तावेज के तौर पर उपयोग कर सकेंगे।देश की 60% आबादी ग्रामीण
इलाकों में रहती है। लेकिन अधिकतर ग्रामीणों के पास अपने घरों के मालिकाना हक के कागजात नहीं हैं। इसी कमी को दूर करने के लिए स्वामित्व योजना लाई गई है।
स्वामित्व’ योजना के तहत गांवों की आवासीय भूमि की पैमाइश ड्रोन के जरिए होगी। ड्रोन से गांवों की सीमा के भीतर आने वाली हर प्रॉपर्टी का एक डिजिटल नक्शा तैयार होगा। साथ ही हर रेवेन्यू ब्लॉक की सीमा भी तय होगी। यानी कौन सा घर कितने एरिया में है, यह ड्रोन टेक्नोलॉजी से सटीकता से मापा जा सकेगा। गांव के हर घर का प्रॉपर्टी कार्ड राज्य सरकारें बनाएंगी।
ये होगा फायदा
*प्रॉपर्टी के मालिक को उसका मालिकाना हक आसानी से मिलेगा।
*एक बार प्रॉपर्टी कितनी है तय होने पर उसके दाम भी आसानी से तय हो पाएंगे
*प्रॉपर्टी कार्ड का इस्तेमाल कर्ज लेने में किया जा सकेगा
*पंचायती स्तर पर टैक्स व्यवस्था में सुधार हो में
जमीन विवाद सुलझेंगे
*जमीन के आधार पर बैंकों से लोन लिया जा सकेगा
लोन लेकर गांव के लोग अपना काम भी शुरू कर सकेंगे।
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