2024-04-23

शंकराचार्य समाधि स्थल के लोकार्पण के बाद बोले मोदी, और ऊंचाई हासिल करेगा उत्तराखंड

केदारनाथ धाम:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केदारनाथ धाम में विशेष पूजा अर्चना के बाद आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा और समाधि स्थल का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का लोकार्पण तथा अन्य योजनाओं का (pm Modi unveils shankaracharya statue, inaugurates several projects in kedarnath) शिलान्यास भी किया। पीएम मोदी ने शंकराचार्य समाधिस्थल के पास करीब 15 मिनट तक ध्यान भी किया।

प्रधानमंत्री करीब 8 बजे केदारधाम पहुंचे। पुननिर्माण कार्यों से संबंधित डॉक्युमेंट्री का अवलोकन करने के बाद पीएम ने केदारनाथ में रुद्राभिषेक किया तथा विशेष पूजा में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति तथा समाधिस्थल का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री करीब 15 मिनट तक समाधि स्थल के पास ध्यानमुद्रा में बैठे रहे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ पुनर्निर्माण से संबंधित 320 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने जिन योजनाओं का शिलान्यास किया उनमें आदि शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती नदी पर घाट निर्माण, तीर्थ पुरोहितों के आवास, मंदाकिनी नदी पर सुरक्षा दीवार और गरुड़ चट्टी पैदल मार्ग पर पुल का निर्माण शामिल हैं।

रिकॉर्ड यात्री आएंगे चारधाम

इसके बाद जनसभा संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि चारधाम यात्रा आने वाले भक्तों की संख्या लगातार रिकॉर्ड बढ़ रही है। अगर कोरोना नहीं होता तो यह और भी ज्यादा होती। उन्होंने कहा कि चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, चारों धाम हाईवे से जुड़ रहे हैं। भविष्य में यहां केदारनाथ तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। यहां पास में ही पवित्र हेमकुंड साहिब जी भी हैं। हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि चारधाम यात्रा आने वाले भक्तों की संख्या लगातार रिकॉर्ड बढ़ रही है।

मथुरा काशी और केदारनाथ को जोड़ा

पीएम मोदी ने कहा कि अभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा। भारत का प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश में काशी का भी कायाकल्प हो रहा है। विश्वनाथ धाम का कार्य बहुत तेज गति से पूर्णता की तरफ आगे बढ़ रहा है। अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है। कठिन समय-सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा! तब मैं कहता हूं कि समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है।

सांस्कृतिक विरासतों को मिलेगा गौरव

प्रधानमंत्री ने कहा कि आदि शंकराचार्य जी ने पवित्र मठों की स्थापना की, चार धामों की स्थापना की, द्वादश ज्योतिर्लिंगों के पुनर्जागरण का काम किया। आदि शंकराचार्य ने सबकुछ त्यागकर देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा खड़ी की है। कहा कि हमारे यहां सदियों से चारधाम यात्रा का महत्व रहा है। द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन की, शक्तिपीठों के दर्शन की, अष्टविनायक के दर्शन की, ये सारी यात्राओं की परंपरा है। ये तीर्थाटन हमारे यहां जीवन काल का हिस्सा माना गया है। अब हमारी सांस्कृतिक विरासतों को, आस्था के केंद्रों को उसी गौरवभाव से देखा जा रहा है, जैसा देखा जाना चाहिए। आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है, अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है।

ऊंचाई हासिल करेगा उत्तराखंड

पीएम ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने कोरोना संक्रमण में साहस का परिचय दिया। कोरोना टीकाकरण की पहली डोज में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। ये उत्तराखंड की ताकत है, सामर्थ्य है। पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी अब उसी के काम आएगी, पलायन रुकेगा। उन्होंने कहा कि जितनी ऊंचाई पर उत्तराखंड है वह उतनी ही और ऊंचाई हासिल करेगा। इसके बाद उन्होंने बाबा केदारनाथ और आदि शंकराचार्य को नमन कर ‘जय केदार’ के जयकारों के साथ अपना संबोधन समाप्त किया।

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