एस्मा की धमकी, हरक के आश्वासन के बाद बिजलीकर्मियों की हड़ताल खत्म
रैबार डेस्क: उत्तराखंड में बिजली का संकट फिलहाल टल (power worker strike called off) गया है। हड़ताल पर बैठे तीनों ऊर्जा निगमों के 3500 से ज्यादा कर्मचारियों ने सरकार से वार्ता के बाद हड़ताल वापस लेने की घोषणा की है। उधर सरकार ने हड़ताल पर रोक लगाते हुए हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया है।
बता दें कि कल आधी रात के बाद यूपीसीएल, पिटकुल और यूजेवीएनएल के 3500 से ज्यादा कर्मचारी उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल के असर से आज कई जगह बिजली गुल रही। हड़ताल के बाद उत्तराखण्ड में ब्लैकआउट होने का संकट मंडराने लगा था। सरकार ने कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए एस्मा लगाने का आदेश जारी कर दिया था जिसके तहत 6 महीने तक किसी भी प्रकार की हड़ताल पर रोक लग गई थी।
उधर ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत को भी बिजली की कमी से दो चार होना पड़ा। दरअसल संयुक्त कर्मचारी मोर्चा ने ऊर्जा मंत्री से वार्ता की पेशकश की थी लेकिन ये वार्ता जेनरेटर चलाकर हुई। सर्वे चौक स्थित कौशल विकास केंद्र के कॉन्फ्रेंस रूम में कर्मचारी संगठनों की वार्ता की गई । वार्ता में तीनों निगमों के एमडी और अपर सचिव ऊर्जा नीरज खैरवाल भी रहे।
इंसारुल हक ने मीडिया को इस संबंध में जानकारी दी कि वार्ता के दौरान कई बिंदुओं पर सहमति बनी
ऊर्जा मंत्री ने कर्मचारियों को आश्वत किया कि उनकी जायज मांगों का समाधान जल्द से जल्द किया जाएगा। एवं जो अन्य मांगे है, उनके समाधान के लिए शासन स्तर पर कमेटी बनाई गई है जिसकी रिपोर्ट मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। ऊर्जा मंत्री ने कर्मचारी संगठनों से इन मांगों के समाधान के लिए एक माह का समय देने का अनुरोध किया, जिस पर सभी कर्मचारी सहमत हुए एवं हड़ताल को वापस लेने का निर्णय लिया।