कला को सम्मान: रम्माण, चक्रव्यूह को ख्याति दिलाने वाले प्रो. डी आर पुरोहित, कठपुतली कलाकार रामलाल को मिलेगा संगीत नाटक अकादमी अवार्ड
रैबार डेस्क: उत्तराखंड की लोक कला व संस्कृति को बड़ा सम्मान मिला है। गढ़वाल विश्वविद्यालय में कला निष्पादन केंद्र के संस्थापक प्रो. डीआर पुरोहित को लोक रंगमंच लोक संगीत के क्षेत्र में राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई है। (Pro. D R Purohit, Ramlal to be felicitated with Sangeet Natak Academy Award) इसके अलावा कठपुतली के जरिए विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम दिखाने वाले रामलाल भट्ट को भी संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
प्रो. दाता राम पुरोहित गढ़वाल विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य के प्रोफेसर रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कला संस्कृति, रंगमंच व पहाड़ के परंपरागत वाद्य यंत्र ढोल सहित लोक कला जैसे विषयों पर निरंतर शोध किया और उसे पहचान दिलाई। मूलरूप से उत्तराखंड के जनपद रुद्रप्रयाग के क्वीली गांव निवासी प्रो. डीआर पुरोहित वर्तमान में गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र में एडर्जेट प्रोफेसर के रूप में कार्य कर रहे हैं। 2006 में उन्होंने ही इस विभाग की स्थापना की थी और 2007 से लेकर 2010 तक इस विभाग के निदेशक भी रहे। वर्ष 2018 में वह गढ़वाल विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए।
रम्माण, चक्रव्यूह मंचन को दिलाई अंतर्राष्ट्रीय पहचान
बचपन से ही रंगमंच से जुड़े डीआर पुरोहित ने 12 वर्ष की आयु में ही अपने गांव में ड्रामा क्लब भी गठित किया। उनके निर्देशन व मार्गदर्शन में चक्रव्यू, पांच भै कठैत, बुढ़देवा, नंदादेवी राजजात 36 नाटक प्रस्तुत हुए हैं। इसके अलावा देश-विदेश में लोक संस्कृति को लेकर उन्होंने तकरीबन दौ सौ लेक्चर भी दिए हैं। लोक संस्कृति को लेकर किए गए उनके शोध भावी पीढ़ी को मार्गदर्शन भी दे रहे हैं। प्रो. पुरोहित ने देश के विभिन्न हिस्सों के अलावा विदेशों में भी रम्माण नृत्य नाटिका और महाभारत काल के चक्रव्यूह प्रसंग का मंचन करके ख्याति हासिल की है।
कठपुतली से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले रामलाल भट्ट को भी संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा। रामलाल बचपन में ही उत्तराखंड आ गए थे। उन्होंने देहरादून को हबी अपनी कर्मभूमि बनाया है। रामलाल ने कठपुतली के जरिए पर्यावरण संरक्षण, बालिका शिक्षा जैसे समाजिक मुद्दों पर जागरुकता कार्यक्रम किए हैं। उन्हें थियेटर व पपेट्री (रंगमंच व कठपुतली) के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई है। रामलाल भट्ट करीब 40 वर्षों से कठपुतलियों को लेकर नए प्रयोग कर रहे हैं। इंग्लैंड, नार्वे, पाकिस्तान सहित वह देश-विदेश में कठपुतली के कई शो दिखा चुके हैं।