रक्षामंत्री ने किया BRO द्वारा निर्मित 44 पुलों का एक साथ उद्घाटन, उत्तराखंड के ये 8 पुल आसान करेंगे कनेक्टिविटी की राह
बॉर्डर क्षेत्रों में एक साथ 44 पुल देश को समर्पित, उत्तराखंड में भी 8 पुलों का हुआ लोकार्पण
बीआरओ ने निर्मित किए हैं सभी पुल, कनेक्टिविटी और सामरिक लिहाज से अहम साबित होंगे
रैबार डेस्क: देश की सीमाओं की सुरक्षा की दृष्टि से, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आज 7 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में 44 पुलों का लोकार्पण किया। ये सभी स्थाई पुल बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन BRO (Border Road Organization) द्वारा बनाए गए हैं। उत्तराखंड में भी चीन से सटी सीमा पर 8 पुलों का आज लोकार्पण किया गया। ये पुल चीन और पाकिस्तान व नेपाल (Indo China border) की सीमा से सटे हुए हैं
बीआरओ द्वारा निर्मित इन 44 पुल में से सबसे ज्यादा 10 पुल जम्मू कश्मीर में हैं। लद्दाख में 7, हिमाचल में 2, पंजाब में 4, उत्तराखंड में 8. अरुणाचल में 8 और 4 पुल सिक्किम में बनाए गए हैं।
उत्तराखंड में ये 8 पुल
बीआरओ द्वारा उत्तराखंड में तैयार किए गए 8 पुल पिथौरागढ़ जिले में चीन औऱ नेपाल सीमा पर बने हैं। ये पुल पिथौरागढ़-तवाघाट और जौलजीबी मुन्स्यारी मार्ग पर आवागमन को औऱ सुगम बनाएंगे।
इन पुलों से आवागमन होने पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों तक राहत पहुंचाने में सहूलियत होगी। साथ ही आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई भी जारी रह सकेगी।
उत्तराखण्ड के 8 पुलों का कुल स्पान 390 मीटर है। इन पुलों में 5 पुल कुलनागाड पुल, तुलाघाट पुल, दोंगोतोली पुल, दोबबाट पुल,, इलागाड पुल पिथौरागढ़-तावाघाट मार्ग पर स्थिति हैं। जबकि 3 पुल सिराई पुल, सयालधार पुल, चरीगाड पुल जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर स्थित हैं।
22 पुल चीन सीमा के पास
ये पहली बार है कि देश की अलग अलग सरहदों पर बने इतनी बड़ी तादाद में पुलों का एक साथ उद्घाटन किया जा रहा है। खास बात ये है 44 पुलों में से 22 पुल अकेले चीन सीमा से सटे हुए हैं। चीन के साथ तनातनी को देखते हुए इन पुलों का लोकार्पण भारत का एक बड़ा कदम माना जा रहा है। पिछले ही दिवों अटल टनल की शुरुआत भी इस दिशा में एक बड़ा कदम था। भारत चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए आक्रामक अंदाज में सीमावर्ती क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है।
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक साथ इतने पुलों का उद्घाटन और सुरंग की आधारशिला रखना बहुत बड़ा रिकार्ड है। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टीवीटी और विकास का नया युग प्रारम्भ होगा। देश में कोविड-19 में सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। पाकिस्तान व चीन के साथ हमारी बड़ी सीमा मिलती है, जहां तनाव बना रहता है। हम प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में इन सभी समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना कर रहे हैं। हाल ही में अटल टनल का उद्घाटन किया गया था। सीमावर्ती क्षेत्रों में रक्षा के साथ ही विकास में बीआरओ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन पुलों के बनने से स्थानीय आकांक्षाओं की पूर्ति होगी और सेना तक आवश्यक सामग्री पहुंचानें में मदद मिलेगी। सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने में इनकी बड़ी उपयोगिता है।
सुरक्षा और कनेक्टिविटी के लिहाज से अहम हैं पुल: CM
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में बीआरओ द्वारा तैयार 8 पुलों के उद्घाटन से न सिर्फ सीमांत क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी बल्कि सामरिक लिहाज से भी ये पुल अति महत्वपूर्ण साबित होंगे। आपदा के समय भी राहत औऱ बचाव कार्य में इन पुलों की अहम भूमिका रहेगी। सीएम ने कहा कि उत्तराखखंड में बनाए गए पुलों से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी सुविधा होगी। इसका क्षेत्र की आर्थिकी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पिथौरागढ़ में पुलों की लंबे समय से मांग थी और सपना जैसा लगता था। आज क्षेत्रवासियों का ये सपना साकार हुआ है। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री और बीआरओ के इंजीनियर्स का भी आभार जताया।