विधानसभा सत्र: विपक्ष ने पूछा गैरसैंण गैर क्यों, सदन में जमकर हुआ हंगामा, भराड़ीसैंण में होगा अगला बजट सत्र
रैबार डेस्क: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शून्यकाल में ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण का मुद्दा छाया रहा। विपक्ष ने गैरसैंण को गैर करने को लेकर सरकार से सवाल किए तो सरकार ने जवाब दिया कि गैरसैंण के लिए सरकार गंभीर है। ruckus in vidhansabha over Gairsain issueसरकार ने राज्य आंदोलन में भाजपा की सक्रिय भागीदारी की बात कही जिस पर कांग्रेस के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया।
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने सदन की अवमानना का नोटिस देकर चर्चा शुरू की। प्रीतम सिंह ने कहा कि 2020 में गैरसैंण से तत्कालीन मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि गैरसैंण आज से ही राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी होगी, लेकिन न तो मार्च 2021 के बाद और न ही 2022 में सरकार ने गैरसैंण पर ध्यान दिया। सरकार ने गैरसैंण में बजट सत्र तक कराने की जहमत तक नहीं उठाई। गैरसैंण को गैर करके सरकार ने सदन की अवमानना की है, इस पर सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
प्रीतम सिंह के सवालों का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रेचंद अग्रवाल ने कहा कि साल 2022 में चारधाम यात्रा के पीक पर रहने के कारण गैरसैंण में सत्र कराया जाना उचित नहीं था। सरकार गैरसैंण के लिए प्रतिबद्ध है। अग्रवाल ने कहा कि भाजपा के लोग उत्तराखंड आंदोलन से जुड़े हैं और ये राज्य भी अटल जी ने बनाया है। अग्रवाल आक्रामक होकर उत्तराखंड आंदोलन में भागीदारी की बात छेड़ने लगे। इस पर सदन में कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस ने कहा कि राज्य किसी एक पार्टी या चंद लोगों के संघर्ष से नही बना है, यह राज्य जनता के आंदोलन के कारण बना है। प्रीतम सिंह ने कहा कि अगर भाजपा केवल खुद को ही उत्तराखंड का हितैषी समझती है तो बताए कि गैरसैंण को राजधानी क्यों नहीं बनाया गया? अग्रवाल ने सदन को आश्वस्त किया कि अगला बजट सत्र गैरसैंण में ही आयोजित किया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या ने सवाल किया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा के वक्त गैरसैंण के विकास के लिए 25000 करोड़ की धनराशि खर्च करने की गोषणा हुई थी, ऐसे में सरकार ने वर्तमान बजट में गैरसैंण के लिए कितना प्रावधान किया। संसदीय कार्यमंत्री इसका सही जवाब नही दे पाए तो सदस्यों ने फिर से सदम में हंगामा किया।
फोन को लेकर पड़ी स्पीकर की डांट
सत्र के दूसरे दिन सदन में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने कुछ विधायकों को कडी नसीहत दी। स्पीकर ने कहा सदन के भीतर कोई भी विधायक मोबाइल का प्रयोग न करे। दरअशल कल भी और आज भी प्रश्नकाल के दौरान कई विधायक फोन पर मशगूल दिखे, इससे स्पीकर काफी नाराज हो गईं। स्पीकर ने सभी विधायकों को दिए निर्देश, कोई भी विधायक मोबाइल का विधानसभा सदन के भीतर प्रयोग करते पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी