2024-05-06

धर्मांतरण कानून हुआ और भी मजबूत ,महिलाओं का 30%आरक्षण बरकरार, विधानसभा ने पास किये बिल

रैबार डेस्क: उत्तराखंड में धर्मांतरण कराने पर अब 10 साल तक की सख्त सजा होगी। इस अपराध में आरोपी की जमानत भी नहीं हो सकेगी धर्मांतरण निरोधक संशोधन विधेयक 2022 को पास कर दिया है। इसके अलावा विधानसभा ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों के क्षैतिज आरक्षण विधेयक को भी पास किया है। सीएम पुष्कर धामी ने इसे बड़ी उपलब्धि करार दिया है। इसी के साथ विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी समाप्त हो गया है।Vidhansabha passes 2 important bills of anti conversion and 30% women reservation

उत्तराखंड विधानसभा में दूसरे दिन दो महत्वपूर्ण विधेयक विधानसभा में ध्वनिमत से पास हो गए हैं। उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 के पास होने के बाद प्रदेश में धर्मान्तरण को लेकर कठोर कानून की प्रविधान हो गया है। इसके तहत अब आरोपी को 10 साल तक कि कठोर सजा हो सकेगी। साथ ही आरोपी जमानत भी नहीं ले सकेगा।इसके अलावा उत्तराखण्ड लोकसेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 के जरिए प्रदेश में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था एकबार फिर से लागू हो जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोनों विधेयकों के पास होने पर खुशी जताई है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभमि है यहां पर धर्मान्तरण जैसी चीजें हमारे लिए बहुत घातक है इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया था कि प्रदेश में धर्मान्तरण पर रोक के लिए कठोर से कठोर कानून बने। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि इस कानून को पूरी दृढ़ता से प्रदेश में लागू किया जाएगा। वहीं उत्तराखण्ड में महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड निर्माण में मातृशक्ति का बहुत बड़ा योगदान है और सरकार ने यह पहले ही तय किया था कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस प्रदेश में मातृशक्ति का सम्मान करते हुए उन्हें इस क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिले।महिलाओं के लिए राज्याधीन सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था देने करने यह अधिनियम मातृ शक्ति को समर्पित है।

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