2024-04-26

पहाड़ की बेटी के जज्बे को सलाम, साढ़े 6 हजार लोगों को करा चुकी भोजन, कोरोना वॉरियर्स की भी मददगार

कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन की पाबंदियां, और ऊपर से सर चढ़ता पारा। ऐसे में गरीब निसहाय लोगों के लिए 2 वक्त की रोटी जुटाना बेहद मुश्किल हो रहा है। जो छात्र लॉकडाउन में फंसे हैं और मेस के खाने पर निर्भर थे, उनके लिए भी संकट आ गया है। लेकिन पहाड़ के एक बेटी ऐसी है, जिसने शपथ ली है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी भूखा न रहे। हर जरूरतमंद को रोटी नसीब हो। ये कोई और नहीं, बल्कि युवा उद्यमी शिल्पा भट्ट बहुगुणा।
देहरादून में रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में एक विशेष पहचान बना चुकी शिल्पा ने लॉक डाउन शुरू होते ही ऐसे लोगों की मदद का बीड़ा उठाया जिन्हें खाना तक नसीब नहीं हो रहा था। जिस वक्त आम लोग घरों में कैद थे उस वक्त शिल्पा ने अपने कुछ कर्मचारियों के साथ किचन संभाला और रोजाना 250 से 300 लोगों का भोजन तैयार करने लगी। इस ताजे खाने को जरूरतमन्दों तक पहुँचाने के लिए खुद ही अपने पति आशीष के साथ सड़कों पर निकली और जहाँ जहाँ जो भी गरीब मजदूर, लाचार, बुजुर्ग या दिव्यांग दिखे सभी को भोजन कराने की शुरुआत की।
शुरू में थोड़ी मुश्किलें जरूर आई लेकिन शिल्पा का हौसला कम नहीं हुआ। धीरे धीरे इस मुहीम को समाज के कुछ अन्य लोगों का भी सहयोग मिलने लगा। दून के ही रॉयल एनफील्ड ग्रप ने भी राशन उपलब्ध कराने में सहयोग दिया।
शिल्पा कहती हैं:


शुरू में मुझे लगा कि ऐसा करना बहुत आसान है, लेकिन धीरे धीरे मुश्किलें होती गई, राशन के लिए भी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। इसी जज्बे को अन्य लोगों का साथ मिलने लगा। लोगों ने उत्साहवर्धन किया तो नई राहें बनने लगी और मैं अपने मिशन में आगे बढ़ने लगी। हमारा एक ही मकसद है कि मेरे शहर में कोई भी भूखे पेट न सोये, यह हम सबकी सामाजिक जिम्मेदारी भी है.

यह शिल्पा का ही जज्बा है कि अब तक वह 6500 से ज्यादा लोगों को अपनी रसोई में पका शुद्ध भोजन करा चुकी हैं।

कोरोना वॉरियर्स की हमदर्द
भूखे लोगों को भोजन कराते वक्त शिल्पा को एहसास हुआ कि कोरोना से लड़ने में डॉक्टर, प्रशासनिक अमला, और पुलिस निस्वार्थ भाव से दिन रात हमारी सेवा में जुटे हैं। कई पुलिसकर्मी ड्यूटी के कारण घर भी नहीं जा पा रहे। ऐसे कोरोना योद्धाओं के लिए भी शिल्पा ने चाय नाश्ते का प्रबंध किया और अब भी ये सिलसिला लगातार जारी है। शिल्पा रोज पौष्टिक नाश्ता तैयार करके चौराहों पर तैनात पुकिसकर्मियों को पहुंचाती हैं। शिल्पा के इस जज्बे और समाजसेवा के भावना की पुलिसकर्मी भी सराहना करते हैं।

कोरोना के इस कठिन दौर में यही जज्बा है जो समाज को नई ताकत, नया हौसला देता है। हम सबकी यही प्रार्थना है कि पहाड़ की बेटी शिल्पा अपने मकसद में सदा कामयाब रहें।

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